Friday 12 July 2013

ई-बुक क्या है?


ईबुक हूबहू एक मुद्रित किताब के समान है जिसे पढ़ने के लिए किसी न किसी डिजिटल युक्ति (डिवाइस) की ज़रूरत पड़ती है, जैसे- कंप्यूटर और लैपटॉप। आजकल खास तौर पर ई-बुक्स को पढ़ने के लिए ई-बुक रीडर्स बाज़ार में उपलब्ध हैं, जो पुस्तक प्रेमियों, छात्रों और लेखकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। अमेज़न का किंडल और सोनी का ई-बुक रीडर काफी लोकप्रिय हैं। हालाँकि ई-बुक पढ़ने के लिए खास तौर पर ई-बुक रीडर खरीदने की जरूरत नहीं है और आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट पर भी इनका आनंद ले सकते हैं।
एपल के आई-पैड सहित दूसरे दर्जनों टैबलेट्स पर ई-बुक पढ़ी जा सकती हैं जिनमें बेहद सस्ते टैबलेट्स भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, ज़्यादातर स्मार्टफोन्स में भी ई-बुक डाउनलोड करने और पढ़ने की व्यवस्था होती है। ई-बुक्स अपनी सुलभता के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं और हाल ही में अमेज़न ने कहा था कि उसके बुक स्टोर पर बिक्री के मामले में ई-बुक्स ने मुद्रित किताबों को पीछे छोड़ दिया है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि ई-बुक्स मुद्रित पुस्तक की तुलना में सस्ती होती हैं।
ई-बुक के सस्ता होने का कारण यह है कि इन पर पहली बार आने वाली लागत के बाद अमूमन कोई लागत नहीं आती। एक बार ई-बुक विकसित और प्रकाशित होने के बाद लेखक उसकी अनंत फाइलें बनाने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए लेखक की लागत बहुत कम होती है और इसका लाभ पाठक तक पहुँचता है। भारत में भी ई-बुक्स का ट्रेंड तेजी से जोर पकड़ रहा है और अंग्रेजी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं में भी ई-बुक्स खूब दिखने लगी हैं। दिल्ली में सितंबर 2012 में हुए विश्व प्रसिद्ध दिल्ली पुस्तक मेले में ई-बुक को मुख्य थीम बनाकर भारतीय प्रकाशकों के संगठन ने भी ई-बुक्स में अपनी रुचि प्रकट की है। यह एक नए क्षेत्र में उभरते हुए अवसरों का भी संकेत है।
ईबुक ऐसी तकनीकी किताब है, जो लेखक, प्रकाशक और पाठक सभी के लिए फ़ायदे का सौदा है। हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के लेखक ई-प्रकाशक के माध्यम से अपनी ई-बुक्स प्रकाशित करवा सकते हैं। ई-प्रकाशक की शुरूआत विशेष तौर पर इन्हीं भाषाओं को ध्यान में रखते हुए हुई है क्योंकि इन्डिक यूनिकोड से संबंधित जटिलताओं की वजह से आज भी हिंदी में ई-बुक्स का प्रकाशन चुनौतीपूर्ण है। अलबत्ता, ई-प्रकाशक इन सभी चुनौतियों को तकनीकी रूप से सुलझाने और आकर्षक इंडिक ई-बुक्स के प्रकाशन में सक्षम है।
ईप्रकाशक.कॉम एक अ-लाभ-आधारित (non-profit) परियोजना है जिसका एकमात्र उद्देश्य हिंदी साहित्य को पाठकों तक पहुँचाना और हिंदी ई-पुस्तकें पढ़ने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना है। यहाँ ई-बुक प्रकाशन के लिए ली जाने वाली राशि लागत मात्र पर आधारित है। यही वजह है कि यहाँ प्रकाशित ई-पुस्तकों पर होने वाला खर्च न्यूनतम है।
लागत की गणना कीजिए
सौ या उससे कम पृष्ठों की ई-बुकः 4000 रुपए।
उसके बाद प्रति पृष्ठ 40 रुपए अतिरिक्त (उपरोक्त अनुपात में ही)
चित्रों के लिए प्रति चित्र 50 रुपए अतिरिक्त।
शुरूआती ऑफरः
-मुखपृष्ठ का डिज़ाइन निःशुल्क
-यूनिकोड फॉन्ट कनवर्जनः निःशुल्क किंतु प्रूफिंग की जिम्मेदारी लेखक की।
-निःशुल्क होम डिलीवरी
पैकेज में क्या-क्या शामिल हैः
-पाँच फॉरमैट्स में आपकी ई-बुक
-10 आकर्षक मुद्रित डीवीडी बॉक्स (प्लास्टिक पैक, विमोचन के लिए तैयार)
-10 मुद्रित डीवीडी
-इस साइट पर प्रमोशन के लिए एक वेब पृष्ठ
- आपकी ईबुक को इंटरनेट पर पढ़ने की सुविधा (यदि आप चाहें तो)
-सर्च इंजनों पर निःशुल्क प्रमोशन
अतिरिक्त सेवाएँ:
-अतिरिक्त मुद्रित डीवीडी बॉक्स तथा मुद्रित डीवीडीः
प्रति सेट (एक बॉक्स जिसमें एक डीवीडी) 200 रुपए।
-अतिरिक्त डीवीडी (सामान्य, कवर मुद्रित नहीं)ः प्रति डीवीडी 30 रुपए।

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