Wednesday 8 April 2015

'फ्लफी' की मौत पर फूट फूट कर रोए, विधि-विधान से तेरहवीं

कानपुर में एक परिवार ऐसा भी है जिसने अपने पालतू कुत्‍ते की मौत पर तेरहवीं बकायदा विधि-विधान से कराया. कानपुर के हरजेन्दर नगर इलाके के कालीबाड़ी में रहने वाली सुनीता सिंह के मुताबिक, उनके पति राजेंद्र प्रताप सिंह सिविल कांट्रेक्टर थे. साल 1990 में उनका परिवार कारोबार के सिलसिले में रांची से कानपुर आकर बस गया. उस समय उनकी तीनों बेटियां नजदीक के ही स्कूल पढ़ने जाती थी. एक दिन उनकी सबसे छोटी बेटी रितु स्कूल के पास से एक कुत्‍ते को अपने घर ले आई. पहले तो सुनीता ने विरोध किया, लेकिन बेटियों के कहने पर उसे घर पर रखने को मान गई.

लड़कियों ने प्यार से डॉगी का नाम 'फ्लफी' रखा. धीरे-धीरे 'फ्लफी' परिवार का हिस्सा बन गई. उम्र के 15 साल पूरे कर चुकी 'फ्लफी' ने 26 मार्च को दम तोड़ दिया. 'फ्लफी' की मौत से पूरा परिवार उसकी मौत पर गम में डूब गया. सभी लोग फूट-फूट कर रोए. सुनीता के अनुसार उनलोगों ने विधिविधान से 'फ्लफी' का अंतिम संस्कार किया. परिवार ने तय किया था की 'फ्लफी' की तेरहवीं भी विधि-विधान से करेंगे. बुधवार को 'फ्लफी' की तेरहवीं का अनुष्ठान गायत्री परिवार के पुरोहितों ने संपन्‍न कराई.

No comments:

Post a Comment