Monday 3 November 2014

कमाल की आंखे थीं अमरापुरकर की / प्रभात पांडेय


हिंदी और मराठी फ़िल्मों के जाने-माने अदाकार सदाशिव अमरापुरकर के निधन से फ़िल्म इंडस्ट्री स्तब्ध 

अमरापुरकर का 64 साल की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें फेफड़ों की बीमारी थी. फ़िल्म 'अर्धसत्य' में खलनायक रामा शेट्टी के किरदार से वो हिंदी फ़िल्मों की दुनिया में सामने आए. 'अर्धसत्य' के निर्देशक गोविंद निहलाणी ने अमरापुरकर से जुड़ी यादें साझा कीं. सदाशिव अमरापुरकर अस्पताल में जब भर्ती थे तब मैंने उनके परिवार से बात की थी. मुझे लग रहा था कि वो इस बीमारी से बाहर आ जाएंगे. लेकिन बड़े दुख की बात है कि ऐसा नहीं हुआ. 'अर्धसत्य' के लिए उनके नाम की सिफ़ारिश मशहूर नाटककार विजय तेंदुलकर ने की थी. मैं इस रोल के लिए बिलकुल नए चेहरे की तलाश कर रहा था. 
जब मैं उनसे मिला तो उनका चेहरा बड़ा दिलचस्प लगा. ख़ासतौर से उनकी आंखे बड़ी प्रभावी थीं. महेश भट्ट की फ़िल्म 'सड़क' में सदाशिव अमरापुरकर का किरदार ख़ासा मशहूर हुआ था मैंने जब उनका मराठी प्ले 'हैंड्स अप' देखा तो अभिभूत हो गया. इस नाटक में उन्होंने एक मसख़रे पुलिसवाले का रोल किया था, जो अर्धसत्य के रोल से बिलकुल अलग था. लेकिन मुझे लगा ये बंदा कमाल का है. मुझे लग रहा था कि वो अच्छा काम करेंगे लेकिन उन्होंने तो ऐतिहासिक काम कर दिया. और मज़े की बात देखिए कि फिर विशुद्ध मसाला फ़िल्मों में भी अपनी विशेष जगह बनाई और दिखा दिया कि उनकी रेंज कितनी विशाल है. दिबाकर बनर्जी की फ़िल्म 'बाम्बे टॉकीज़', सदाशिव अमरापुरकर की आख़िरी फ़िल्म थी. मेरी फ़िल्म 'बाम्बे टॉकीज़' बतौर अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर की आख़िरी फ़िल्म थी. ये ख़बर सुनकर मैं हिल गया हूं. जैसे अच्छा खाना खाकर उसका स्वाद मुंह को लग जाता है वैसे ही उनके जैसे बेहतरीन अभिनेता के साथ थोड़ा काम करके मैं उनके साथ कुछ बड़ा करने की योजना बना रहा था. हालांकि उस दौरान भी उनकी सेहत अच्छी नहीं थी लेकिन इतनी ख़राब भी नहीं थी.
फ़िल्म 'अर्धसत्य' में उन्होंने रामा शेट्टी का जो किरदार निभाया उसने हिंदी फ़िल्मों में खलनायकी को नया चेहरा दिया. वो हिंदी ही नहीं बल्कि मराठी फ़िल्मों के भी ज़बरदस्त अदाकार थे. पिछले कुछ सालों से वो फ़िल्मों में सक्रिय नहीं थे क्योंकि उन्हें मन माफ़िक़ रोल नहीं मिल रहे थे. उन्होंने मुझसे ख़ुद कहा था कि मैं बेवजह के रोल क्यों करूं, मैं थिएटर करके ही ख़ुश हूं. (बीबीसी हिंदी से साभार)

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