Thursday 27 November 2014

स्त्री : दो / मनमोहन



किसी और शहर में एक रोज़ रात ढाई बजे
माँ ने एक अजनबी स्त्री के वेश में आकर
गंजे होते अपने अधेड़ बेटे को सपने में जगाया
’भूखी हूँ’, यह पूरे तीस बरस बाद बताया।

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