Friday 28 February 2014

ऐ इन्सानो! / गजानन माधव मुक्तिबोध

आँधी के झूले पर झूलो!
आग बबूला बन कर फूलो!

        कुरबानी करने को झूमो!
        लाल सवेरे का मूँह चूमो!

ऐ इन्सानों! ओस न चाटो!
अपने हाथों पर्वत काटो!

        पथ की नदियाँ खींच निकालो!
        जीवन पीकर प्यास बुझालो!

रोटी तुमको राम न देगा!
वेद तुम्हारा काम न देगा!

        जो रोटी का युद्ध करेगा!
        वह रोटी को आप वरेगा!

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