Sunday 12 March 2017

शब्दों के स्वाभिमान की मासिक पत्रिका कविकुंभ

कविकुंभ शब्दों के स्वाभिमान की पत्रिका है, इससे साहित्य के गंगोजमन गहरे सरोकार हैं, इससे देशभर के कवि-शायर, कवयित्री, शायरा, लेखक, आलोचक, समीक्षक जुड़ रहे हैं, इस अभियान में साझा होने की मित्र परिवार से भी उम्मीदें हैं ताकि हमे आपका साथ मिले, स्वर मिले, शब्द मिलें, 'कविकुंभ' आपकी भी आवश्यक आवश्यकता बने। 
'कविकुंभ' किसी साहित्यिक पत्रिका के बहाने निजी महत्वाकांक्षाएं परवान चढ़ाने, बिना किए-धरे प्रसिद्ध हो लेने का छद्म प्रयोजन नहीं, बल्कि इसके पीछे एक सुचिंतित प्रकल्प है, एक ऐसा अंतहीन अभियान, जो शीर्ष साहित्य मनीषियों से वंचित मंच उनके लिए पुनः-पुनः सुलभ होने का मार्ग प्रशस्त करा सके। मानते हैं, सपना आसान नहीं, लेकिन असंभव भी नहीं। यह 'कविकुंभ' के प्रकाशनोत्सव में देश के शीर्ष कवि-साहित्यकारों की एकजुट उपस्थिति से स्पष्ट हो चुका है। यह अभियान उनके इच्छानुकूल मंचीय स्थितियां लौटा लेने की जिद है। यह अलग बात है कि हम इस दिशा में कितना सफल हो पाते हैं। 
इसलिए वाकई जिनके लिए साहित्य और स्वस्थ साहित्यिक मंच प्राथमिक हैं, उनसे 'कविकुंभ' को हर तरह के सहयोग की उम्मीद है। साहित्यिक लोक-मंच सबसे पहले उन्हें चाहिए, जो अपने स्वस्थ रचना-संसार के नाते ज्यादा लोक-स्वीकार्य और हमारे समय के लिए ज्यादा वास्तविक, ज्यादा जरूरी हैं। आप के सरोकार कविकुंभ का, अभद्र मंचों का भी भविष्य तय करेंगे। आपके साझा होने से 'कविकुंभ' को शक्ति मिलेगी और अच्छे साहित्यकारों के मंच पर प्रभावी होने का अवसर भी, क्योंकि पत्रिका के साथ हम अब हर महीने, हर नए अंक के साथ देश-प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में लगातार स्वस्थ साहित्यिक आयोजन भी करने जा रहे हैं। कविकुंभ में आपकी रचनाओं का भी हार्दिक स्वागत है।
संपर्क 
फोन नंबर 8958006501 / 7409969078 / 7250704688 
E-mail - kavikumbh@gmail.com

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