Wednesday 29 October 2014

चोर चोर चोर चोर ...महाचोर

देश के भीतर और बाहर कालाधन छिपाने वाले महाचोर भारत में गरीबी-कुपोषण और बीमारियों के शिकार लाखों बच्चों और स्त्रियों, आत्महत्या के लिए मजबूर कर्ज से लदे किसानों, एक एक रुपये के मोहताज करोड़ो-करोड़ बेरोजगार नौजवानों, फुटपाथों पर दिन बसर कर रहे अनगिनत भिखारियों, कुल आबादी के दो तिहाई वंचित जनों के मुश्किल हालात के अपराधी हैं। इन्हें कभी माफ नहीं किया जाना चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा गंभीरतम मसला है, जिस पर उच्चतम न्यायालय की भूमिका को पूरा देश बड़े गौर से देख-सुन रहा है। सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि भारत में छिपाया गया कालाधन क्यों नहीं पकड़ा जा रहा है, क्योंकि यहां पर तो सरकार की अपनी पुलिस और न्याय व्यवस्था है..??????

विदेशों में जमा काला धन सिर्फ़ कर चोरी से संबंधित नहीं, इससे ड्रग, हवाला, अवैध हथियार आदि के आरोपियों, चुनावबाज कई बड़ी पार्टियों, बड़े नेताओं और अधिकारियों के हाथ रंगे हैं। इसमें मीडिया की दुनिया से लेकर खेल,  बॉलीवुड तक के महाचोर शामिल हैं। ये काला धन शेयर, बान्ड्स के अलावा सोना, क़ीमती पत्थर, हीरा, ज़ेवरात आदि के रूप में लॉकरों में छिपाया गया हैं। सूत्रों के अनुसार हर साल लगभग एक ख़रब डॉलर के बराबर काला धन भारत में बन रहा है।

एक जानकार के अनुमान के मुताबिक़ ये धन 500 अरब डॉलर के बराबर हो सकता है और इसे वापस लाने में पांच से दस साल तक लग सकते हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में वादा किया था कि वे सत्तासीन होने के सौ दिन के भीतर काला धन वापस लाएंगे और हर भारतीय को उस धन में से तीन-तीन लाख रुपये मिलेंगे। लगभग तीन दशक पहले बोफ़ोर्स मामले में शोर मचा था लेकिन एक कौड़ी भी वापस नहीं लाई जा सकी। अर्थशास्त्री कहते हैं कि भारत में मौजूद काला धन विदेशों से ज़्यादा है। अब यूपीए सरकार के लिए खोदे गये गड्ढे में ख़ुद गिरते नज़र आ रहे हैं नये सरकार......

वित्त मंत्री अरुण जेटली की टिप्पणी की देश भर में कड़ी निंदा हो रही है। पांच महीने पुरानी सरकार पहली बार इतने कड़े विरोध का सामना कर रही है। भाजपा ने चुनावी मुहिम के दौरान एक विशेष समिति बनाई थी जिसने विदेशों में रखे भारतीयों के काले धन का एक अंदाज़ा लगाया था कि वह एक खरब डॉलर के करीब है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 627 लोगों के नामों की सूची बंद लिफाफे में सौंप दी है।

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