Friday 5 July 2013

पढ़ने के शौक ने लेखिका बनाया


लॉरिंडा कीज़ लौंग

पहले और बेहद सफल उपन्यास एटलस ऑफ़ अननोन्स, भारतीय अमेरिकी लेखिका तानिया जेम्स
अर्से बाद कोई ऐसा उपन्यास आता है जिसे पढ़ने के बाद हमें हैरत होती है कि लोग कथा साहित्य और ज्यादा क्यों नहीं पढ़ते- बल्कि सही किताब मिल जाए तो कोई भी, कुछ और क्यों करना चाहेगा,’’ सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल ने एटलस ऑफ़ अननोन्स की समीक्षा में यह लिखा। ‘‘तानिया जेम्स की मौलिक, बांधे रखने वाली, पहली किताब ऐसा ही दुर्लभ उपन्यास है। ’’जेम्स का उपन्यास बहनों, भारत और अमेरिका, पीड़ा, रहस्य और पारिवारिक बंधनों, हास्य और संभावनाओं के बारे में है। लेखिका मालेना वाट्रस की इस शुरुआती समीक्षा के बाद पिछले नौ महीने में इस विनोदप्रिय, प्रतिभावान, सरल और दोस्तानामिजाज़ युवा अमेरिकी लेखिका के उपन्यास को बेहद सकारात्मक और तारीफ़ के पुल बांधने वाली प्रतिक्रियाएं मिलीं जिनने इस युवा अमेरिकी लेखिका को लोकप्रिय बना दिया।
पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता जूनो डियाज़ कहते हैं, ‘‘तानिया जेम्स आपसे इस तरह रूबरू होती हैं जैसे कि हर वह व्यक्ति जिसकी आप चिंता करते हैं, हर वह चीज़ जो आपने कभी खोई है।’’ वह कहते हैं, ‘‘बुद्धिमतापूर्ण और प्रसन्नचित्त, उनका उपन्यास एटलस पहले उपन्यास के तौर पर आश्चर्यजनक है, जीवन, प्रेम और मानवीय संघर्ष की आभा से दमकता हुआ यह इतना अद्भुत है कि इसके पृष्ठों से नज़रें हटाना मेरे लिए मुश्किल रहा।’’
तानिया के मातापिता केरल से अमेरिका गए थे। वह अक्सर भारत आती रही हैं, लेकिन इस महीने जयपुर साहित्य उत्सव में जयपुर पहली बार जा रही हैं। वह कहती हैं, ‘‘मुझे यह साहित्य के अम्यूज़मेंट पार्क की तरह लगता है।’’ उनके अनुसार, ‘‘कितना दिलचस्प है कि हर किसी को सवारी करने का मौका मिलता है... और ऐसा अक्सर नहीं होता कि मुझे किसी महल में पढ़ने का मौका मिले। इसलिए यह बहुत दिलचस्प है, साथ ही आशंकित भी हूं।’’
जेम्स को सुहीर हम्माद की एक या दो कविताएं पढ़ते सुनने और देखने की इच्छा है, लेकिन कहती हैं, ‘‘मेहमानों की सूची लंबी है और किसी से भी बात करना रोमांचक होगा।’’ वह अपनी मां के साथ आएंगीं जिन्होंने जयपुर में स्कूल में पढ़ाई की थी और अपनी बेटी को बहुत से दिलचस्प किस्से सुनाए थे।
लुइसविल, केनटकी में अपनी छोटी और बड़ी बहनों के साथ पली-बढ़ी तानिया शुरू से जानती थीं कि उन्हें पढ़ने से बेहतर कुछ नहीं लगता। एक ई-मेल साक्षात्कार में उन्होंने स्पैन को बताया, ‘‘मैं हमेशा से ही काफ ी पढ़ती थी और मुझे लगता है कि यह किसी भी लेखक के लिए आवश्यक है। और मुझे अकेले ही काम करने की भी आदत है, यह भी कथा साहित्य के लेखन के लिए ज़रूरी है। हाईस्कूल के दिनों में मुझे अपनी कला की कक्षा बहुत अच्छी लगती थी क्योंकि चित्र बनाते हुए मेरे मन में शांति आती थी। काश कि मैं अब भी चित्र बना पाती, नाच सकती या खेल पाती। लेकिन अब मेरा जीवन पटरी पर आ गया है और सच यह है कि मैं पढ़ने या लिखने के अलावा कुछ नहीं करना चाहती।’’
वह कहती हैं,‘‘मुझे लगता है कि इसके पीछे कहीं न कहीं मेरे पालन-पोषण का हाथ है- मैंने अपने पिता को हमेशा किताबों में आंखें गड़ाए देखा है। वह रेल की पटरियों के साथ-साथ अपने हाथ में किताब लिए चलते। कागज़ के बेकार से दिखते टुकड़ों तक में उनकी दिलचस्पी जब तक रहती थी तब तक कि उसे पूरा न पढ़ लें।’’
तानिया का शब्दकोष बहुत व्यापक और विकसित है जो उनकी उम्र के अमेरिकी युवाओं में कम ही देखा जाता है। उनके लेखन में अप्रत्याशित लेकिन एकदम सटीक शब्दों और मुहावरों को पाना आश्चर्यजनक और सुखद है। तानिया जेम्स बताती हैं, ‘‘भाषा को लेकर मेरा लगाव पढ़ने की आदत से बना है लेकिन इसका काफी श्रेय मैं प्रिमैक साहब को भी देना चाहूंगी जो अब नहीं रहे।’’ प्रिमैक साहब ने विश्वद्यिालय की पढ़ाई सुनिश्चित करने वाली परीक्षा सैट की तैयार करने में तानिया की मदद की थी। सैट अमेरिका के हाई स्कूल के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा है। ‘‘जब भी हमारी मुलाकात होती, प्रिमैक साहब से मुझे नए शब्द सीखने में आनंद आता- उनकी परिभाषाएं और अर्थ। समानार्थी और विपरीतार्थक शब्दों से परिचय बढ़ाकर उन्होंने मेरे शब्द सामर्थ्य को विकसित किया। साथ ही शब्द सीखने में आनंद लेना सिखाया। मैं अक्सर उन्हें बहुत स्नेह से याद करती हूं।’’
एटलस ऑफ़ अननोन्स की समीक्षाएं उनके वास्तविक, पूर्ण और मानवीय चरित्रों, उनके हास्यबोध, उतार-चढ़ाव से भरे बांधे रखने वाले घटनाक्रम पर लेखिका के नियन्त्रण और एकसाथ सटीक एवं कवित्वपूर्ण शब्दों के इस्तेमाल पर समान रूप से टिप्पणी करते हैं। एक उदाहरण प्रस्तुत है: ‘‘पोखर के छोर पर ताड़ों का झुंड अपनी ही परछाइयों पर झुका जा रहा है, अपनी प्रतिकृतियों से प्रेम में सराबोर होकर, पत्तों के अंधेरे निचले हिस्से पर रोशनी के जाल जगमगा रहे हैं।’’
एटलस ऑफ़ अननोन्स केरल की दो सीरियाई क्रिश्चियन बहनों अंजू और लिन्नो की कहानी है जिनमें से एक ज़्यादा भाग्यशाली और बेहतर  स्थिति में है, दूसरी कम। अंजू को अमेरिका का टिकट दिलवाने वाले साक्षात्कार का विवरण इतना चुस्त और वास्तविक है कि पाठक की मांसपेशियों में तनाव आ जाता है। प्रश्नों से जूझती अंजू, उसे उत्तर सुझाने की पूरी कोशिश करती और साथ ही अपनी बहन की परेशानी को देखते हुए कुछ राहत सी महसूस करती लिन्नो। भाई-बहनों के आपसी प्रेम और उसमे सिमटे प्रतिस्पर्धा के भाव का इतिहास मनुष्य जाति के साथ जन्मा है। तानिया ने आश्चर्यजनक कुशलता से इसका चित्रण किया है।
इतना व्यक्तिगत और अतरंग विषय पाठक के मन में सहज रूप से प्रश्न उठाता है कि उपन्यास में तानिया जेम्स के परिवार का कितना वर्णन है। उसने अपनी बड़ी बहन के साथ टैप-डांस के बारे में बताया है, कैसे वह लड़ती-झगड़ती और बहस करती रही हैं, लेकिन इसके बावजूद दोनों बहनें अपने घर के तहखाने और शौकिया मंच पर डांस करती थीं।
तानिया बताती हैं, ‘‘उपन्यास काफी हद तक निजी अनुभव पर आधारित है और अपने लिखे को अजनबियों के हाथों में सौंपने का विचार कुछ डराता भी है। लेकिन व्यक्तिगत से मेरा अर्थ यह नहीं है कि यह स्वीकारोक्ति है या मेरे जीवन और अनुभवों का प्रतिबिम्ब है। लेकिन यह मेरे दिल के करीब है।’’
वह बताती हैं,‘‘उपन्यास लिखने की प्रक्रिया में मेरा परिवार ने शुरू से आखिर तक मुझे पूरा सहयोग दिया। संपादन के दौरान मेरे पिता ने इसे आठ बार पढ़ा। मुझे विश्वास है कि मेरे परिवार ने चरित्रों में अपनी छायाएं देखी होंगी, घटनाओं को पहचाना होगा। मैंने उपन्यास अपने परिवार को समर्पित किया है लेकिन यह दबेढके प्रसंग भी उन्हें ही समर्पित हैं।’’
तानिया उन पाठकों से संवाद का आनंद उठाती हैं जिन्होंने उनके उपन्यास को पढ़ा और आनंद उठाया। वह संपर्क के लिए आश्चर्यजनक हद तक उपलब्ध हैं। वह अपने वेब पेज पर नई खबरें डालती रहती हैं, अपने ई-मेलों का जवाब खुद देती हैं, बुक लाँच के दौरान ऑटोग्राफ देती हैं। साथ ही बहुत ही परिपक्व हैं। ‘‘मुझे लगता है कि जब पाठकों के लिए उपलब्ध रह पाना लिखने में बाधक बनने लगे तो लेखक को अपनी उपलब्धता कम कर देनी चाहिए। अपनी अगली किताब लिखने की तैयारी में मैंने अपने ब्लॉग पर लिखना कम कर दिया है।’’
सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल में एटलस ऑफ़ अननोन्स की ज़बर्दस्त समीक्षा लिखने वाली लेखिका मालेना वाट्रस से तानिया का परिचय अपनी वेबसाइट के माध्यम से ही हुआ था। मालेना इस उपन्यास से इतनी प्रभावित है कि वह कैलिफ ोर्निया की स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी की अपनी ऑनलाइन लेखन की कक्षा के छात्रों को एटलस ऑफ़ अननोन्स पढ़ा रही हैं।
लेखक बनने के इच्छुक लोग उनसे क्या सीख सकते हैं?
‘‘पढ़ना,’’ वह कहती हैं। आपको जो महत्वपूर्ण लगता है या जो आपको झकझोरे, उसके बारे में लिखिए। और नए शब्द सीखने से कभी नुकसान नहीं होता।’’

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