Monday 16 September 2013

फेसबुक फोटो से पहले जरा सावधान


सोशल नेटवर्किंग साइट या इंटरनेट पर तस्वीरें अपलोड करना बहुत मुश्किल नहीं. एक फोटो छांटी और अपलोड कर दी. लेकिन तस्वीर अपने साथ यूजर और उसकी तकनीक से जुड़ी 50 से भी ज्यादा जानकारियां ऑटोमैटिक अपलोड कर देती है. जर्मनी में फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट के आईटी सिक्योरिटी विशेषज्ञों के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट पर कोई भी फोटो डालने से पहले उसका मेटाडाटा हटा दिया जाना चाहिए. कुछ सॉफ्टवेयर तस्वीर से जुड़ी कई जानकारियां बता देते हैं. खास सॉफ्टवेयरों में फोटो डालने पर उसके मेटाडाटा से पता चल जाता है कि तस्वीर कब खींची गई, कौन सा कैमरा इस्तेमाल किया गया, कौन से एडिटिंग टूल से इसे निखारा गया. इंस्टीट्यूट के मुताबिक मेटाडाटा का इस्तेमाल हैकर कर सकते हैं. संस्थान की सिक्योर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी शाखा ने शोध के बाद यह दावा किया है. तस्वीरों के मेटाडाटा के जरिए हैकर यूजर के कंप्यूटर के बारे में काफी जानकारी हासिल कर सकते हैं. मेटाडाटा के जरिए उन तमाम वेबसाइटों पर जाना संभव है, जहां एक सी तस्वीर लगी हुई है. यहां तक कि वो पासवर्ड का अंदाजा भी लगा सकते हैं. इंस्टीट्यूट के मुताबिक मेटाडाटा को कुछ एडिटिंग सॉफ्टवेयरों से हटाया जा सकता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हैकरों के ऐसे अटैक ऑटोमैटिक होते हैं. यूजर्स को अक्सर अनजान शख्स से मैसेज के साथ फ्रेंड रिक्वेस्ट भी आती हैं. एक्सपर्टों के मुताबिक मेटाडाटा के जरिए ही हैकर वो जानकारी हासिल कर पाते हैं, जो सामान्य तौर पर आपके दोस्तों तक ही सीमित रहती है. एक्सपर्टों की सलाह है कि तस्वीरों में मेटाडाटा का इस्तेमाल वही करें, जो तस्वीर को कॉपीराइट करना चाहते हों. फोटोग्राफी के शौकीन भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. (http://www.dw.de/ से साभार)

यूरोप की सबसे उग्र सुधारवादी नन सिस्टर टेरेसा फॉर्केड्स


स्पेन की एक नन यूरोप की सबसे प्रभावशाली वामपंथी बुद्धिजीवी मानी जा रही हैं। बैंकों के राष्ट्रीयकरण का समर्थन हो या स्पेन के कैटेलोनिया क्षेत्र की आज़ादी के लिए आंदोलन, सिस्टर टेरेसा फॉर्केड्स सबसे आगे खड़ी दिखती हैं। उनसे मिलने के लिए सेंट बेनेट मठ तक पहुंचने के लिए आप को मोंतसेरात के पवित्र पहाड़ तक एक हैरान कर देने वाली ड्राइव कर के पहुंचना होता है। लेकिन सिस्टर टेरेसा फॉर्केड्स तक पहुंचना इस रास्ते से ज़्य़ादा मुश्किल है। उनसे मिलने और आशीर्वाद लेने वालों की संख्या इतनी ज़्यादा है कि उनके सहायक को किए गए ई-मेल हमेशा इस ऑटोमैटिक जवाब के साथ वापस आ जाते हैं कि इनबॉक्स भरा हुआ है। लगता है कि सिस्टर टेरेसा एक बार में कम से कम दो जगहों पर होती हैं। उनकी उजली आंखें हैं, वो आत्मविश्वास से भरी हुई हैं और ख़ुशमिज़ाज हैं। इस स्पेनिश नन की बढ़िया अंग्रेज़ी इस शांत जगह में कुछ बाहर की ही लगती है। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बिताए कुछ सालों के दौरान अंग्रेज़ी पर अधिकार हासिल कर लिया था। उनके जैसा कोई नेता नहीं है. हमेशा उनके सिर पर नन वाला कपड़ा होता है, उनका कहना है कि वो जो भी करती हैं वो गहरे ईसाई मूल्यों और आस्था की वजह से है। इसके बावजूद वो चर्च और चर्च का संचालन करने वालों की आलोचना करती रही हैं। उनके आंदोलन, प्रॉसेस कॉन्स्टिट्यूएंट, से इस साल 50 हज़ार लोग जु़ड़े हैं और ज़्यादातर लोग ईश्वर को न मानने वाले वामपंथी हैं। वो किसी पद पर काबिज़ नहीं होना चाहती और न ही राजनीतिक दल बनाना चाहती हैं लेकिन इसमें शक नहीं कि वो एक राजनीतिक व्यक्तित्व हैं जिनका मकसद अंतर्राष्ट्रीय पूंजीवाद की धज्जियां उड़ाना और स्पेन का नक्शा बदलना है। उन्होंने अर्थशास्त्री अर्काडी ऑलिवर्स के साथ एक 10 सूत्री कार्यक्रम तैयार किया है, जो कुछ इस तरह है: • सभी बैंकों का राष्ट्रीयकरण और आर्थिक सट्टेबाज़ी पर लगाम लगाना • नौकरियों में कटौती बंद करना, उचित तन्ख़्वाह और पेंशन, काम के कम घंटे और घर पर रहने वाले बुज़ुर्गों को भुगतान • वास्तविक "सहभागितापूर्ण लोकतंत्र" और भ्रष्टाचार रोकने के लिए कदम • सबके लिए घर और कुर्की का खात्मा • सरकारी खर्चों में कटौती वापस लेना और सभी सार्वजनिक सेवाओं का राष्ट्रीयकरण • व्यक्ति का उसके शरीर पर अधिकार का समर्थन , जिसमें महिलाओं के गर्भपात का फ़ैसला लेना भी शामिल है। (बीबीसी से साभार मैट वेल्स की रिपोर्ट)