Wednesday, 15 October 2014

खुदकुशी

खादी चेहरे, खाकी चेहरे, इस चेहरे में कैसा चेहरा,
सूती चेहरे, ऊनी चेहरे, उस चेहरे में कैसा चेहरा,
खुद को बुनने की, चुनने, झुठलाने की कोशिश, 
उसके चेहरे की आहट से, इसके चेहरे की आहट से
डर लगता है, खुदकुशी...खुदकुशी...खुदकुशी !

वर्षों बाद मैं घर लौटा हूं, देख रहा हूं, ये आंगन कितना छोटा है - जावेद अख्तर के तरकस के तीर

https://www.youtube.com/watch?v=ikd51BsQKeI&list=PLBD412B9E164AD76E&index=6