सोचा था जाने क्या मेरे नादान-से दिल ने,
नादानियों ने मुझको फिर वही सिला दिया।
कोई इस तरह से खेला मेरे दिल से बार-बार,
तो दिल ने कहा, खेलना उसने सिखा दिया।
दिल चीज क्या है, खेलने की चीज ही तो है,
खेलो न मेरे यार, और कितना खेलोगे ।
टूटा हुआ था और इसे तोड़ क्यों दिया,
इतना न टूटता तो बात और ही होती।
दिल ने तड़प-तड़प के कहा फिर से एक बार,
ऐसी तड़प नहीं है उधर, जैसी इधर है ।
दिल टूटने का सिलसिला जो आज तक रहा
अब और टूट जाने की हिम्मत नहीं रही ।
मैंने जिन्हें चाहा था अपने चांद की तरह
दिल में मेरे उन्होंने अंधेरा भर दिया ।
नादानियों ने मुझको फिर वही सिला दिया।
कोई इस तरह से खेला मेरे दिल से बार-बार,
तो दिल ने कहा, खेलना उसने सिखा दिया।
दिल चीज क्या है, खेलने की चीज ही तो है,
खेलो न मेरे यार, और कितना खेलोगे ।
टूटा हुआ था और इसे तोड़ क्यों दिया,
इतना न टूटता तो बात और ही होती।
दिल ने तड़प-तड़प के कहा फिर से एक बार,
ऐसी तड़प नहीं है उधर, जैसी इधर है ।
दिल टूटने का सिलसिला जो आज तक रहा
अब और टूट जाने की हिम्मत नहीं रही ।
मैंने जिन्हें चाहा था अपने चांद की तरह
दिल में मेरे उन्होंने अंधेरा भर दिया ।