Friday 5 July 2013

सेकंडहैंड बुक के लिए खास हैं ये फर्स्ट हैंड दुकानें


अशोक कुमार मिश्र

महंगाई के दौर में बेशक चेतन भगत के बेस्टसेलर को 95 रुपए में खरीदना आसान हो सकता है, लेकिन स्टेफनी मेयर की बेस्ट सेलर खरीदना उनके प्रशंसकों के लिए आसान नहीं होगा। लिहाजा ‘सेकंड हैंड बुक’ ऐसे में अच्छी भूमिका अदा करती है। पूरे दिल्ली में ऐसी कई जगहें हैं, जहां पुरानी पुस्तकों के भंडार हैं। दोस्तों आइये, इन पुरानी पुस्तकों के संसार की सैर करने चलते हैं।
रविवार का दिन, सड़क के किनारे जगह-जगह भीड़ लगी हुई है। यह नजारा है दरियागंज का, जहां दुकानदार बंद दुकानों के सामने ही किताबों को सजा कर बैठ जाते हैं। दरियागंज संडे मार्केट के प्रेसीडेन्ट सुभाष चंद्र अग्रवाल बताते हैं कि यह मार्केट 1965 से यहां लग रही है। शुरुआत में यह लाल किले के पीछे लगती थी। यहां से इंजीनियरिंग, मेडिकल,सॉफ्टवेयर, वेब और एकाउंटिंग के साथ-साथ आप कॉमिक्स, उपन्यास व डिक्शनरी भी खरीद सकते हैं। यहां मुंशी प्रेमचंद, सिडनी शेल्डन से लेकर जे. के. रोलिंग और वेदप्रकाश, सुरेन्द्र मोहन पाठक तथा दिनेश ठाकुर तक मिलते हैं। यही वजह है कि शिक्षक, विद्यार्थी व बच्चों के साथ-साथ किताबें पढ़ने के शौकीन भी यहां आते हैं। आईआईटी दिल्ली के छात्र राहुल सिंह कहते हैं कि यहां काफी कम कीमत पर किताबें मिल जाती हैं। पांच-पांच हजार वाली किताबें यहां हजार रुपए में मिल जाती हैं। यहां अंग्रेजी व हिन्दी के अलावा फ्रेंच, स्पेनिश, उर्दू, मराठी भाषाओं की किताबें भी मिलती हैं।
कुछ ऐसा ही नजारा पुरानी दिल्ली की नई सड़क और प्रसिद्ध पतली गली का होता है, जहां विषयपरक इंजीनियरिंग, मेडिकल, कुकिंग, मैनेजमेंट, राजनीति, इतिहास, संस्कृत और हिन्दी साहित्य के साथ ही तमाम अन्य विषयों की पुस्तकें मिलती हैं। यहां वही सारे दुकानदार होते हैं, जो रविवार के दिन दरियागंज में स्टॉल लगाते हैं। पतली गली में दुकान चलाने वाले मोन्टू कहते हैं, ‘मैं यहां करीब सात साल से पुरानी किताबें बेच रहा हूं। हमारे कुछ ग्राहक बंधे हुए हैं, जो हमें बाकायदा लिस्ट देकर अपनी पुस्तकों की खोज करवाते हैं।’ वहीं कनॉट प्लेस में प्लाजा सिनेमा के बुक सेंटर से भी अपनी पसंद की किताबें खरीदी जा सकती हैं। यहां भी सभी प्रकार की पुस्तकें मिल जाती हैं। इसी से लगे फुटपाथ पर भी नॉवेल, कहानी की किताबें, पत्रिकाएं बिकती रहती हैं।
इंटरनेशनल टाइटल या दुर्लभ लेखकों की पुस्तकें पहाड़गंज के बुक स्टोरों या फुटपाथ पर आप ढूंढ़ सकते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र दिनेश कहते हैं, ‘मैं यहां अक्सर आता हूं और अपनी पसंदीदा पुस्तकें खोज कर ले जाता हूं।’ इस बस्ती को बैकपैकर यहूदी बस्ती के रूप में जाना जाता है। यह बाजार रविवार को बंद रहता है। राजौरी गार्डन में भी मॉल के बाहर ऐसी पुस्तकों की कुछेक दुकानें हैं, जहां अच्छा कलेक्शन देखा जा सकता है। पढ़ने के शौकीन और साइबर कैफे चलाने वाले जितेन्द्र कहते हैं, ‘यहां पर कई बार वो किताबें मिल जाती हैं, जो बाहर से खरीद कर मैं नहीं पढ़ सकता।’
अगर आपको लोकप्रिय नाम वाली किताबें चाहिए तो आप कमला नगर के बैंग्लो रोड फुटपाथ पर जा सकते हैं। यहां बच्चों की पुस्तकें और मोटिवेशनल बुक्स भी मिलती हैं।
छोटा गोल चक्कर के पास स्थित ‘ज्ञानदीप’ में आप पुरानी पुस्तकों के बेहतरीन संग्रह लिए जा सकते हैं। यह तमाम तरह की पुस्तकों के लिए दिल्ली का छोटा मगर लोकप्रिय स्टोर है। यह रेगुलर कस्टमर को किराये पर भी पुस्तकें उपलब्ध कराते हैं। यह बुक स्टोर मंगल से शनिवार तक खुला रहता है।
साकेत कम्युनिटी सेंटर और बसंत विहार के बुक स्टाल अन्य जगहों की तरह दिखने में तो आकर्षक नहीं हैं, लेकिन अच्छी पुस्तकें आपको यहां मिल सकती हैं। यहां पर फैंटम से लेकर टिन टिन तक सभी कॉमिक्स और साथ ही नॉवेल्स, प्रेम कहानियों की पुस्तकें, पत्रिकाएं पाई जा सकती है। वहीं कटवारिया सराय, बेर सराय में सिलेबस से जुड़ी तमाम तरह की पुस्तकें खोजी जा सकती हैं। इन सभी जगहों पर एक बात लगभग समान है, वह यह कि पुस्तकों की कीमत आपकी बार्गेनिंग क्षमता पर निर्भर करती है।
कहां से खरीदें कैसी पुस्तकें
दरियागंज फुटपाथ मार्केट- हर तरह की पुस्तकें सस्ते दामों में रविवार को उपलब्ध हैं।
नई सड़क- निश्चित दुकानों के साथ-साथ फुटपाथ पर भी शिक्षा संबंधी पुस्तकों के लिए जाना जाता है।
कनॉट प्लेस- अनिल बुक कॉर्नर-कॉमिक्स, मैग्जीन फिक्शन के साथ-साथ अन्य तमाम विषयों की पुस्तकों के लिए लोकप्रिय है।
पहाड़गंज-दुकानों के बावजूद फुटपाथ पर भी विदेशी लेखकों और अंग्रेजी उपन्यासों के लिए जाना जाता है।
कमला नगर बैंग्लो रोड फुटपाथ- प्रसिद्ध उपन्यासों और किताबों के लिए यहां जाया जा सकता है।
छोटा गोल चक्कर-ज्ञानदीप पुस्तक भण्डार- तमाम तरह की पुस्तकें उचित दामों पर मिलती हैं।
साकेत और बसंत विहार-दुकानें और फुटपाथ दोनों जगह-कॉमिक्स, उपन्यास, प्रेम कहानियों की पुस्तकें, मैगजीन, विविध पुस्तकें मिलती हैं।
कटवारिया और बेर सराय की स्थायी दुकानें- शिक्षा संबंधी पुस्तकों के लिए प्रसिद्ध हैं।

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