इस औपन्यासिक जीवनी दर्ज इतिहास में देश की पहली महिला शासक रजिया सुल्तान की जीवनगाथा है। बेहद रोचक शैली में लिखा गया यह उपन्यास उस समय की दिल्ली और राजनीतिक हालात के बारे में गहरी जानकारी देता है। मात्र चार वर्ष दिल्ली पर राज करने के दौरान रजिया को किन हालात का सामना करना पड़ा और अपने ऊपर लगभग थोपे गए शासन के कारण उसकी निजी इच्छाएं और संवेदनाएं कैसे बली चढ़ीं, इस सबका ब्योरा अपने आप में इतिहास का एक बेहद मर्म पहलू है। कथा से रजिया सुल्तान के बारे में बने हुए कई मिथक भी खंडित होते हैं, जो गाहे-बगाहे सुनी-सुनाई बातों और सिनेमाई कारणों से बन चुके हैं।
एक संघर्ष गाथा - ऋचा
पुस्तक अनेकता में एकता को जोड़ लाने का प्रयास है। पुस्तक के पीछे की कहानी भी उत्तर प्रदेश के एक दूर-दराज इलाके के संघर्षशील लोगों के अथक श्रम का ब्योरा देती है। मनरेगा के अंतर्गत काम कर रहे कामगारों से जुड़े कई और सच भी हैं, जिन पर से पर्दा यदा-कदा ही उठता है। उनके संघर्ष के साथी कई स्वयंसेवक भी हैं, जो हर पल, हर कदम उनका साथ निभा रहे हैं। ऐसी ही दो कार्यकर्ता युवतियों ने यह संघर्ष का रोजनामचा तैयार किया है। पुस्तक में अगर एक हिस्सा वहां के संघर्ष की डायरी है तो अन्य हिस्सों में अभियान में आने वाले बदलावों से जुड़े सच और एक नाटक भी है, जिसने प्रेरणा स्रोत के तौर पर काम किया।
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