Friday 12 July 2013

हाऊ प्रूस्त कैन चेंज योर लाइफ - मार्शल प्रूस्त



अनुराग वत्स

ऐसी कई किताबें हैं जिसे आप मनोरंजन के लिए या खाली समय काटने के लिए पढ़ते हैं। लेकिन, ऐसी किताबें भी हैं जो पढ़ते-पढ़ते आपके जीवन में चुपचाप जगह बना लेती हैं। फ्रेंच उपन्यासकार मार्शल प्रूस्त का सात खंडों में लिखा गया उपन्यास इन सर्च ऑफ लॉस्ट टाइम इसी कैटिगरी की किताब है। प्रकाशन के लगभग सौ साल बाद भी पढ़ने वालों की जिंदगी में इसकी खास जगह है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसमें प्रूस्त ने हमारी जिंदगी के हर उस पहलू को छुआ है जिससे व्यावहारिक जिंदगी में हमारा बहुत गहरा रिश्ता है।
एलन डी बोटॉं ने अपनी किताब -हाऊ प्रूस्त कैन चेंज योर लाइफ- में प्रूस्त के उस उपन्यास और जीवन प्रसंगों से एक ऐसा ताना-बाना बुना है जो पढ़ने वालों के लिए प्रेरक हो सकती हैं। आज के दौर में अपनी जिंदगी से कैसे प्रेम करें, अपने को कैसे परखें, अपना समय कैसे बिताएं, अपने दुखों को कैसे सफलतापूर्वक झेलें, अपनी भावनाओं को कैसे प्रकट करें, कैसे अच्छे दोस्त बनें और कैसे प्रेम में खुश रहें सरीखे शीर्षकों से बोटॉं ने एक ऐसी पठनीय किताब तैयार की है जिसे साहित्य में दिलचस्पी रखने वाले पाठक से लेकर सेल्फ हेल्प सीरीज पढ़ने के शौकीन समान रूप से पसंद करेंगे।
किताब की सबसे अच्छी बात यह है कि बोटॉं ने हर चैप्टर में अपनी बातों की पुष्टि के लिए अनेक प्रासंगिक उदाहरणों को जगह दी है। बोटॉं का यह काम इस लिहाज से भी अपने तरह का अनूठा काम है क्योंकि आज के दौर में साहित्य या लेखक को सीधे-सीधे हमारे दैनिक जीवन को बदलने या बेहतर बनाने वाले कारकों के रूप में कतई देखा-समझा नहीं जाता है। यह किताब इस बात की पुरजोर ताईद करती है कि साहित्य की जगह चाहे हाशिए की क्यों न हो, अगर उसे हिसाब में लिया जाए तो वह हमारी जिंदगी को बदलने में सक्षम है।

चुनिंदा अंश 

- जिंदगी जीने का एक नजरिया यह भी हो सकता है कि हम मानें कि अंतत: हम नश्वर मनुष्य ही हैं और मौत हमारे द्वार पर कभी भी दस्तक दे सकती है।
- जब हम किसी किताब को पढ़ते हैं तो हमारे भीतर आत्मा के कुछ पन्ने भी फड़फड़ाते हैं।
- जब दो लोगों के बीच कोई संबंध टूट जाता है तो सबसे ज्यादा भावुक बातें वह व्यक्ति करता है जिसे इसकी परवाह तक नहीं होती।
- अपने जीवन प्रसंगों को आप जितना खींचते हैं, वह उतना ही वह आपके लिए फैलता जाता है। किसी प्रसंग को उसका वाजिब समय और जगह देकर समाप्त कर देना चाहिए।
- हम दुखों पर जब विचार करते हैं तो उनकी हमारे दिलों को ठेस पहुंचाने की क्षमता घटने लगती है।
- आपसे जो भिन्न है उसमें आपकी तरह का इंटलेक्ट होना महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण है उसकी सचाई, उसकी सहृदयता।
- किसी किताब को पढ़ते हुए आप दोस्ती के मायने आसानी से जान सकते हैं, क्योंकि किताब के साथ आपका संबंध बहुत अनिवार्य किस्म का होता है, उसमें कोई झूठा दिखावा नहीं होता। किसी के कहने पर आप किसी किताब को नहीं पढ़ते, वह आपकी इच्छाओं से प्रेरित होता है।
- किसी के प्रेम में पढ़ने की वजह यह नहीं होती कि सामने वाला बेहद सुंदर है, बल्कि प्रेम मामूली वजहों से शुरू हो सकता है। मसलन आप किसी से यह पूछें कि क्या तुम आज शाम फ्री हो और उसका जवाब, फिर वह चाहे हां या ना में हो, आपके मन में उसके लिए जगह बनाता जाए।
- हमारे मन में उन चीजों की चाहत बराबर बनी रहती है जिसे पाने का स्वप्न हम देखते हैं, लेकिन वही चीजें जब आसानी से मिल रही होती हैं तो हममें कुछ अचीव करने का बोध तक नष्ट हो जाता है।

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