Friday, 12 July 2013

टैबलेट बाजार में दबदबे की जंग



कड़ी प्रतिस्पर्धा और नियमित रूप से बाजार में आते नए नए उपकरणों की वजह से टैबलेट की कीमतें गोता खा रही हैं. उधर एक अमेरिकी अदालत ने एप्पल को ई-बुक की कीमत चढ़ाने के लिए एंटी ट्रस्ट कानून के हनन का दोषी पाया है.

अमेजन ने अपने किंडल एचडी टैबलेट की कीमत अमेरिका में 169 डॉलर और ब्रिटेन में 139 पाउंड कर दी है, जबकि बार्न्स एंड नोबेल ने अपने नूक टैबलेट की कीमत गिराकर 129 डॉलर कर दी है. एंडर्ले ग्रुप के विश्लेषक रॉब एंडर्ले कहते हैं, "जबसे ह्यूलेट पैकर्ड ने अपना टैबलेट लॉन्च किया है कीमतों पर बहुत दबाव है." एचपी अपना सात इंच वाला एंड्रॉयड टैबलेट 139 डॉलर में बेचता है. इसके साथ उसने पेपरबैक साइज वाले टैबलेट को हर किसी के लिए खरीदने लायक बना दिया है.

एक गार्टनर सर्वे के अनुसार इस साल दुनिया भर में टैबलेट की बिक्री में 68 प्रतिशत का इजाफा होगा और वह बढ़कर 20 करोड़ यूनिट हो जाएगा. लेकिन बाजार विश्लेषकों का मानना है कि कुछ सालों के तेज विकास के बाद बाजार ठंडा पड़ रहा है और इन उपकरणों का जीवन लंबा होने के साथ ही उसकी मांग घटेगी. रिपोर्ट के मुताबिक बहुत से उपभोक्ता खर्च बचाने के लिए बेसिक टैबलेट खरीदने पर जोर दे रहे हैं. एंडर्ले कहते हैं, "ऐसा लगता है कि जैसे जैसे निर्माताओं की बेसब्री बढ़ रही है, बाजार थकता दिख रहा है और आप कीमत पर और दबाव देखेंगे."

कुछ रिटेलर तो 100-100 डॉलर का टैबलेट बेचने लगे हैं. किफायती होने के कारण इन पर लोग टूट रहे हैं, लेकिन एंडर्ले का मानना है कि खराब क्वालिटी के उपकरणों की बाढ़ का उलटा असर हो सकता है और उपभोक्ता उससे मुंह मोड़ सकते हैं. रिसर्च फर्म आईडीसी के विश्लेषक जितेश उबरानी का कहना है कि अधिकांश सस्ते टैबलेट छोटी कंपनियां ला रही हैं. "पीसी मार्केट की गिरावट ने इसे ज्यादा अहम बना दिया है कि पीसी बनाने वाली कंपनियां टैबलेट बाजार में भी प्रतिस्पर्धा करें." वे कहते हैं कि टॉप क्लास ब्रांड के किफायती प्रोडक्ट लाने के साथ व्हाइट बॉक्स वेंडर की संख्या घटेगी.

टैबलेट के बाजार में प्रतियोगिता

विश्लेषकों का मानना है कि 2015 तक टैबलेट की कीमतों के और गिरने की उम्मीद है जब उसकी बिक्री पर्सनल कम्प्यूटरों की बिक्री को पार कर लेगी. मार्केट लीडर एप्पल अब तक इस होड़ से दूर है और उसने अपने आईपॉड टैबलेटों की कीमत स्थिर रखी है. हालांकि उसने भी सस्ते बाजार को संतुष्ट करने के लिए 500 डॉलर वाले आईपॉड के साथ साथ 329 डॉलर का आईपॉड मिनी बाजार में उतारा है. एबीआई रिसर्च के जेफ ऑर का कहना है कि एप्पल अपनी रणनीति के लिे बाजार को नहीं देखता बल्कि अपने खरीदारों को देखता है. "मैं समझता हूं कि उनकी कीमत आने वाले दिनों में स्थिर रहेगी."

एंडर्ले का कहना है कि एप्पल प्रीमियम वेंडर बने रहने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसके सामने कीमत कम करने या बाजार में हिस्सा खोने के मुश्किल विकल्प हैं. कीमत कम करने का असर उसके मुनाफे पर होगा और वह उसके शेयरों की गिरती कीमत को और गिरा सकता है. "स्टीव जॉब्स के समय में जब प्रोडक्ट आम होने लगता था, वे बाजार में कुछ नया ले आते थे. अब उसे नया प्रीमियम प्रोडक्ट लाना होगा." माइक्रोसॉफ्ट ने भी 500 डॉलर के अपने सरफेस के साथ हाई एंड बाजार में हिस्से की कोशिश की है, लेकिन शिक्षा क्षेत्र के खरीदारों के लिए इसकी कीमत घटाकर 199 डॉलर कर दी है.

ऑर का कहना है कि यदि निर्माता टैबलेट को अपने मुख्य बिजनेस का हिस्सा नहीं बनाएंगे तो उनमें से कुछ बाजार से बाहर होने को बाध्य हो जाएंगे. अमेजन अपना किंडल करीब करीब उत्पादन खर्च पर बेचता है ताकि लोगों को अपने कंटेंट और ऐप तक ला सके. इसी तरह एप्पल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट भी अपने ग्राहकों को विज्ञापनों और बिक्री के लिए जोड़ कर रखना चाहते हैं. लेकिन ऑर का कहना है कि लोगों में ब्रांड के प्रति वह वफादारी नहीं दिख रही है, जिसकी इन कंपनियों को अपेक्षा थी. आईपैड के यूजर गूगल इस्तेमाल करते हैं और किंडल के यूजर दूसरों से सामान खरीदते हैं.
इस बीच एक अमेरिकी जज ने बुधवार को एक फैसले में कहा है कि एप्पल ने एंटी ट्रस्ट कानून का हनन किया है. जज ने कहा कि कंपनी ने ई-बुक की कीमत चढ़ाने के लिए प्रकाशकों के साथ साजिश की. जज ने एप्पल को ई-बुक्स की कीमत में प्रतिस्पर्धा को समाप्त करने के प्रकाशकों के सामूहिक प्रयास को संभव बनाने और बढ़ावा देने का दोषी पाया. एप्पल की यह दलील ठुकरा दी गई कि ई-बुक बाजार में उसका प्रवेश प्रतियोगिता को बढ़ाएगा.


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