शब्द
शब्द आओ मेरे पास,जो बुलायें, जाओ उनके पास भी
Friday, 17 January 2014
ओक्ताविओ पाज़
मेरे नेत्र
खोजते है
तुम्हारी निर्वसनता
और
उसे आच्छादित कर देते हैं
दृष्टि की
गुनगुनी बारिश से।
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