'किस बात पर हँसूँ किस बात पर रोऊँ
किस बात पर समर्थन किस बात पर विरोध जताऊँ
हे राजन! कि बच जाऊँ।'
........और
'जल्दी ही देश में कई डिज्नी लैंड होंगे
जल्द ही पूरा देश एक डिज्नी लैंडहोगा
क्या आशा करूँ कि उसके बाहर मेरा घर होगा?'
........और
'जब सधी हुई चम्मचों से चख रहे थे लोग
छप्पन व्यंजन हरिया के हाथों से छूटकर गिर
पड़ी भरी प्लेट और इस तरह पकड़ा गया हरिया
भरपेट भोजन करते।'
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