जासूसी उपन्यासों की लेखिका मॉस्को में जन्मीं और पली-बढ़ीं तत्याना उस्तीनवा ने मॉस्को के भौतिकी-तकनीकी संस्थान के हवाई तकनीक और उड़ान तकनीक संकाय से एम.एससी. किया। उसके बाद पहले उन्होंने सेक्रेटरी के रूप में और फिर संपादक के रूप मे अखिल रूसी राजकीय टेलि-रेडियो कंपनी में नौकरी की। १९९३ में तत्याना उस्तीनवा रूस के राष्ट्रपति के प्रेस विभाग में शामिल रहीं। फिर रूसी टेलिविजन के पहले चैनल पर कार्यक्रम-संपादक रहीं। अब टी.वी. पर कार्यक्रम-प्रस्तोता हैं और जासूसी उपन्यास लिखती हैं।
१९९९ में तत्याना उस्तीनवा का पहला जासूसी उपन्यास 'निजी देवदूत' प्रकाशित हुआ। 'एक्समो प्रकाशन गृह से प्रकाशित उनके प्रारंभिक उपन्यासों ने ही उन्हें इतना चर्चित कर दिया कि फिर 'फर्स्ट ऑफ द बेस्ट' सीरीज़ में उनके उपन्यास छपने लगे। अब तक तत्याना उस्तीनवा बीस से ज़्यादा उपन्यास लिख चुकी हैं और लोकप्रिय रूसी जासूसी उपन्यासकार मानी जाती हैं।
सन २००३ में तत्याना उस्तीनवा ने 'हमेशा कहो, हमेशा' टी.वी. सीरियल के लिए पटकथा लिखनी शुरू की। यह सीरियल दर्शकों के बीच बेहद सफल रहा। जल्दी ही इनकी रचनाओं के आधार पर रेडियो-नाटक प्रसारित होने लगे। इनके उपन्यासों के आधार पर कई फ़िल्में भी बनाई गईं। एशिया और यूरोप के अनेक देशों में तत्याना उस्तीनवा की पुस्तकों का अनुवाद और प्रकाशन हो चुका है।
साहित्य में आम तौर पर सर्वश्रेष्ठ की उपाधि पाना कठिन होता है, लेकिन इससे भी अधिक कठिन है, उसे बनाए रखना। परंतु पिछले कुछ वर्षों से तत्याना उस्तीनवा इस काम में पूरी तरह से सफल रही हैं। तत्याना उस्तीनवा के उपन्यासों के पाठक तैयार हो चुके हैं और अब उनकी लोकप्रियता में कमी नहीं आ सकती। उनकी रहस्यपूर्ण कथाओं का रहस्य अंत तक बना रहता है और भाषा भी बेहद अच्छी है। लेकिन सबसे मुख्य बात तो यह है कि उनकी रचनाओं के पात्र वे आम लोग हैं जो सुपरमैन जैसे गुण रखते हैं कि अचानक घटने वाली खतरनाक और हैरतअंगेज़ घटनाएँ उन्हें अपने पंजों में जकड़ लेती हैं...
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