Saturday, 22 June 2013

अब आकाश पर 5000 किताबें पढ़ सकेंगे छात्र


बच्चों में पुस्तक पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने और शिक्षा सुलभ कराने के लिए किताबों को ई माध्यम से सस्ते टैबलेट आकाश के जरिये पेश किये जा रहे हैं. इस उद्देश्य के लिए आकाश में नया एवं उन्नत साफ्टवेयर स्काईलैब और आकाश पुस्तक खंड जोड़ा गया है. इसके माध्यम से आकाश पर एनसीईआरटी, एनबीटी की पुस्तकें समेत अन्य शैक्षणिक सामग्री डाली जा रही है जिसके लिए अब तक छात्रों को गूगल, यूट्यूब का सहारा लेना पड़ता था.
सूचना संचार प्रौद्योगिकी के जरिये राष्ट्रीय उच्च शिक्षा कार्यक्रम (एनएमईआईसीटी) के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि आकाश के नये संस्करण में ऐसा सॉफ्टवेयर जोड़ा गया है जिससे छात्र वृहद ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि आकाश पर स्पोकेन ट्यूटोरियल के माध्यम से 18 भाषाओं में बच्चों को पठन पाठन की सुविधा प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि ई-बुक पाठकों के लिए आकाश पुस्तक के जरिये एनसीईआरटी की 5000 किताबों को आकाश पर डाला जा रहा है ताकि स्कूली शिक्षा में इसका लाभ उठाया जा सके. इस पहल के तहत एनसीईआरटी की कई पुस्तकों को आकाश पर लोड कर दिया गया है. नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) ने भी इस पहल को आगे बढाया और अपनी पुस्तकों को ई माध्यम से पेश करने का निर्णय किया है.
एनबीटी के निदेशक एम ए सिकंदर ने कहा कि शहरों में जीवनशैली तेजी से बदल रही है लेकिन इसके बावजूद बच्चों में पुस्तक पढ़ने की आदत कम नहीं हुई है. हालांकि अब बच्चे ई माध्यम से पुस्तक पढ़ने में अधिक रूचि दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुस्तकों को ई माध्यम से पेश करने के संदर्भ में हमने सस्ता टैबलेट आकाश के जरिये किताब पेश करने की योजना बनाई है. इस पहल के लिए हमारी कई मंत्रालयों से बात भी हुई है.
सिकंदर ने कहा कि आकाश पर पुस्तक जारी करने के लिए हमारे पास ई-बुक का डिपोजिटरी होना जरूरी है. इसे ध्यान में रखते हुए हम ई-बुक योजना को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा, हमारी ई बुक योजना कापी आगे बढ़ चुकी है और उम्मीद करते हैं कि इसके लिए चुनी गयी कंपनी को जुलाई तक अनुबंध प्रदान कर दिया जायेगा. ई-बुक तैयार होने के बाद ही इसे आकाश पर डाला जा सकता है.
आकाश पर उच्च शिक्षा विशेष तौर पर इंजीनियरिंग से जुड़ी पाठ्यसामग्री लोड की गई है. इसमें 141 कोर्स लोड किये गये हैं जो एचटीएमएल और पीडीएफ प्रारूप में आसानी से खुल सकते हैं.

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