असहमति और प्रतिरोध
केवल सरकार के समर्थकों के लिए आज़ादी, केवल एक पार्टी के सदस्यों के लिए आज़ादी - चाहे वो संख्या में कितने ही क्यों न हों - आज़ादी कतई नहीं है। आज़ादी हमेशा असहमत व्यक्ति की आज़ादी है। 'न्याय' की कट्टरता के कारण नहीं, बल्कि इसलिए कि वो सब कुछ जो राजनैतिक आज़ादी में हमें कुछ सिखाने वाला है, हितकारी है, और निर्मलता लाने वाला है, इसी सारतत्व पर निर्भर करता है, और इसका सारा असर खत्म हो जाता है जैसे ही आज़ादी एक विशेषाधिकार बन जाती है।
रोज़ा लक्सेम्बर्ग
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