Monday 1 July 2013

'मां' पर 5 किताबें


जब भी मां पर किताबों की बात होती है तो मैक्सिम गोर्की की किताब ‘मदर’ का ही नाम आता है। कुछ और भी है...
माय हॉलीवुड (मोना सिम्पसन)
यह दो महिलाओं की कहानी है। क्लेयर अपने पति के कॉमेडी स्क्रिह्रश्वट लिखने के सपने को पूरा करने के लिए लॉस एंजिल्स पहुंचती हैं। वह नहीं जानती कि बेटे विलियम को कैसे पाल-पोसकर बड़ा किया जाए। वह नैनी लोला की मदद लेती है। जो फिलीपींस में रहने वाले अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए काम करती है। विलियम के प्रति दोनों मां के ह्रश्वयार को ही यह कहानी आगे बढ़ाती है।
लव यू फॉरएवर (रॉबर्ट मंश)
रॉबर्ट ने 1995 में बच्चों के लिए कहानी लिखी थी, तभी से यह हर मां की पसंदीदा बन गई। यह दिल को छूने वाली बुक है जो मां और बच्चे का अनंत ह्रश्वयार दिखाती है। यह किताब शुरुआत से आखिर तक बांधे रखती है। खास बात यह है कि फोटो स्टोरी के जरिए पूरी बात कही गई है।
मां (मुंशी प्रेमचंद)
देश के लिए समर्पित आदित्य तीन साल से जेल में था। पत्नी करुणा ने इस दौरान बेटे प्रकाश को जन्म दिया। जेल से छूटा तो उसे तपेदिक हो गया और उसकी मौत हो गई। करुणा ने प्रकाश को पढ़ाया-लिखाया। वह मजिस्ट्रेट बन गया। करुणा ने सपना देखा कि प्रकाश मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर बैठा है। आदित्य को कोड़े मारकर वहां लाया गया। पति के फोटो को दिल से लगाकर ही वह दम तोड़ देती है। उस वक्त प्रकाश मजिस्ट्रेट बनने के लिए यूरोप जा रहा था।
चिकनसूप फॉर (एवरी मॉम्स सोल)
जेक, मार्क हीथर मां के दिल में झांकने के लिए यह एक बेहतरीन किताब है। इसमें जन्म देना, मातृत्व को परिभाषित करना जैसे अनुभवों को कहानियों में सहेजा गया है। मातृत्व के हर स्तर पर दादी मां की नसीहतों से भरी ये कहानियां प्रेरक भी हैं।
सीक्रेट डॉटर (शिल्पी सोमैया)
भारत के एक गांव में कविता बेटी को जन्म देती है। बेटे के पक्षधर समाज के दबाव में वह बेटी को छोड़ देती है। एनआरआई अमेरिकी डॉक्टर सोमेर
उस लड़की (आशा) को मुंबई के अनाथालय से गोद लेती है। एक दिन आशा अपनी मां और परिवार को ढूंढने का फैसला करती है।

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