Sunday, 30 June 2013

केंद्रीय सचिवालय पुस्तकालय



केंद्रीय सचिवालय पुस्‍तकालय (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) की स्‍थापना वर्ष 1891 में कोलकाता में इंपीरियल सेक्रेटेरिएट लाइब्रेरी के नाम से की गई थी और 1969 से यह नई दिल्‍ली के शास्‍त्री भवन में काम कर रहा है। इसमें सात लाख से अधिक दस्‍तावेज़ों का संग्रह है जो मुख्‍य रूप से समाजशास्‍त्र और मानवशास्‍त्र के विषयों पर हैं। यहां भारत के सरकारी दस्‍तावेज तथा केंद्र सरकार के दस्‍तावेज़ संग्रहीत किए जाते हैं और राज्‍य सरकारों के दस्‍तावेज़ों का भी विशाल संग्रह इसमें है।
इसके क्षेत्र अध्‍ययन डिवीज़न में अनूठासंग्रह है, वहां भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार पुस्तकें रखी गई हैं। साथ ही, इसका ग्रंथ सूची संग्रह भी बहुत विशाल है और इसमें अत्‍यधिक दुर्लभ पुस्‍तकों का खासा संग्रह है।
केंद्रीय सचिवालय पुस्‍तकालय का माइक्रोफिल्‍म संग्रह भी है जो माइक्रोफिल्‍मिंग ऑफ इंडियन पब्‍लिकेशन प्रोजेक्‍ट के अंतर्गत काम करता है और इसमें बहुत बड़ी संख्‍या में माइक्रोफिल्‍में संग्रहीत हैं।
केंद्रीय सचिवालय पुस्‍तकालय की मुख्‍य जिम्‍मेदारी है नीति निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए उपयोगी सभी विषयों के सकल संग्रह एकत्र करना और उन्‍हें विकसित करना तथा विकासपरक साहित्‍य का संग्रह एकत्र करना भी इसाक दायित्‍व है। यह पुस्‍तकालय केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा देशभर से आने वाले शोधार्थियों को वाचन संबंधी सभी सेवा-सुविधाएं उपलब्‍ध कराता है। हाल में ही पुस्‍तकालय ने भारत के राजपत्र तथा समितियों और आयोगों की रिपोर्टों का डिजिटलीकरण करके सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) आधारित उत्‍पादों का विकास शुरू किया है और अपने संग्रह-कार्य के लिए ओपाक (ओपीएसी) प्रणाली भी विकसित की है।
पुस्‍कालय की दो शाखाएं हैं। पहली है नई दिल्‍ली के बहावलपुर हाउस में स्‍थित क्षेत्रीय भाषाओं की शाखा जो तुलसी सदन लाइब्रेरी के नाम से मशहूर है। इसमें हिंदी तथा संविधान में स्‍वीकृत 13 अन्‍य भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्‍तकें हैं। दूसरी शाखा पाठ्यपुस्‍तकों की है और नई दिल्‍ली के रामाकृष्‍णापुरम में स्‍थित है। यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के स्‍नातक-स्‍तर तक के बच्‍चों की जरूरतों को पूरा करती है।
पुस्‍तकालय ने हाल ही में 'इंडिया इंफोर्मेशन गेटवे' पोर्टल शुरू किया है। 21 मार्च, 2005 को सचिव, संस्‍कृति मंत्रालय ने पुस्तकालय की वेबसाइट www.csl.nic.in (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) का उद्घटान किया।

राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी
पुस्‍तकालय ज्ञान का भंडार है, क्‍योंकि यहां पुस्‍तकें तथा ज्ञान के अन्‍य संसाधन उपलब्‍ध हैं – जो अधिकांशत: मुद्रित रूप में हैं। जबकि डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट जुड़ाव के आविष्‍कार के साथ पुस्‍तकालय का परिदृश्‍य अब तेजी से बदल रहा है। डिजिटल प्रौद्योगिकी, इंटरनेट जुड़ाव और भौतिक सामग्री को अब डिजिटल पुस्‍तकालय में बदला जा सकता है। भौतिक रूप में उपलब्‍ध विवरण डिजिटल पुस्‍तकालय में डिजिटल रूप में बदल कर रखा जा सकता है। इससे डिजिटल पुस्‍तकालयों में सूचना और ज्ञान तक पहुंच बढ़ाई जा सकती है। ये समय और स्‍थान की बाधा को भी दूर करते हैं। विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों / संगठनों द्वारा भौतिक रूप में उपलब्‍ध विवरण का डिजिटल रूप तैयार करने और संरक्षण के अनेक प्रयास किए गए हैं। जबकि यह गतिविधि संगठन के कार्य / हित के क्षेत्र तक सीमित रही है। पिछले दिनों सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने भी डिजिटल पुस्‍तकालय प्रयास के क्षेत्र में परियोजनाओं को समर्थन दिया है। ये प्रयास अनिवार्यत: दो प्रकार के रहे हैं।
    भारतीय विज्ञान संस्‍थान, बैंगलोर और कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी, यूएसए के साथ सहयोग से प्रमुख केन्‍द्रों और स्‍कैनिंग केन्‍द्रों की स्‍थापना एक सहयोगात्‍मक कार्यक्रम के तहत करना, इन केन्‍द्रों के लिए स्‍कैनर ''मिलियन बुक यूनिवर्सल डिजिटल लाइब्रेरी कार्यक्रम'' के तहत कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए गए। भारतीय विज्ञान संस्‍थान, बैंगलोर द्वारा प्रो. एन बालकृष्‍णन, एसो. निदेशक के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम का समन्‍वय किया जा रहा है। इन स्‍कैनिंग केन्‍द्रों द्वारा इस गतिविधि के तहत तैयार डिजिटल विवरण ''डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया'' वेबसाइट http://www.new.dli.ernet.in पर वेब समर्थित रूप से उपलब्‍ध कराया गया है। यह साइट उपरोक्‍त स्‍कैनिंग केन्‍द्रों के अलावा अन्‍य स्‍कैनिंग केन्‍द्रों के विवरण भी उपलब्‍ध कराती है, जिन्‍हें आईआईएससी, बैंगलोर / सीएमयू, यूएसए द्वारा समर्थन दिया गया था।
अन्य डिजिटल लाइब्रेरी साइटें
    इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय कंसोर्टियम (INDEST) , आईआईटी दिल्ली www.indest.iitd.ac.in
    इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), नई दिल्ली - www.ignca.gov.in
    विद्यार्थी डिजिटल लाइब्रेरी, मैसूर विश्वविद्यालय. - www.vidyanidhi.org.in
    अर्नेट इंडिया नई दिल्ली, डिजिटल लाइब्रेरी - www.digitallibrary.ernet.in
    सूचना एवं लाइब्रेरी नेटवर्क केंद्र, अहमदाबाद - गुजरात - www.inflibnet.ac.in
    नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्‍यूनिकेशन और इनफार्मेशन रिसोर्स(एनआईएससीएआईआर), डा. कृष्‍णन मार्ग, नई दिल्ली 110012 - www.niscair.res.in
    वी वी गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान, नोएडा: www.vvgnli.org
पूर्वोत्तर राज्‍यों में उपलब्‍ध कॉपीराइट रहित पुस्‍तकों का डिजिटल रूप तैयार करना, संरक्षण और वेब समर्थित प्रति बनाना वेबसाइट www.dli.gov.in
राजस्‍थान वेबसाइट www.dli.gov.in
गुजरात www.new.dli.ernet.in
पूर्ण परियोजना।
स्‍कैन किए गए आंकड़े वेब समर्थित www.new.dli.ernet.in
पूर्ण परियोजना।
डेटा वेब समर्थित बनाकर वनस्‍थलीय विद्यापीठ की वेबसाइट और www.new.dli.ernet.in
उत्तर प्रदेश http://www.new.dli.ernet.in
महाराष्‍ट्र http://www.new.dli.ernet.in
कोलकाता www.new.dli.ernet.in
दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय www.library.du.ac.in/dspace
हैदराबाद http://dli.iiit.ac.in/phase2.html
हैदराबाद विश्‍वविद्यालय www.new.dli.ernet.in
भारतीय कला और संस्‍कृति www.ignca.gov.in
आयुर्वेदिक चिकित्‍सा, www.dli.cdacnoida.in
नोएडा द्वारा राष्‍ट्रपति भवन में डिजिटल पुस्‍तकालय का सृजन www.new.dli.ernet.in
मराठी और संस्‍कृत भाषाओं में दुर्लभ पुस्‍तकों का डिजिटाइजेशन  www.new.dli.ernet.in
जैन विरासत संस्‍कृति www.new.dli.ernet.in
पुर्तगाली, मराठी, कोंकड़ी भाषाओं में दुर्लभ पुस्‍तकों का डिजिटाइजेशन www.new.dli.ernet.in
ताड़ के पत्तों पर लिखी पांडुलिपियों, कदिता, कागज की पांडुलिपियों और वेदों पर मुद्रित पुस्‍तकों का विरासत संग्रह और डिजिटाइजेशन www.new.dli.ernet.in
दुर्लभ पांडुलिपियों www.new.dli.ernet.in
''कलासंपाद'' डिजिटल पुस्‍तकालय www.ignca.gov.in/dlrich/welcome.html
दुर्बल पांडुलिपियों और 19वीं शताब्‍दी में 1960 के बाद से नागरी प्रचारणी सभा, वाराणसी में उपलब्‍ध पुरानी पत्रिकाओं का डिजिटल आर्काइवल संग्रहालय www.dli.cdacnoida.in
अद्वैत शरद परियोजना www.new.dli.ernet.in
(www.csl.nic.in से साभार)

No comments:

Post a Comment