यह पुस्तकालय शैक्षिक परिसर के बीचोबीच स्थित है तथा विश्वविद्यालय की सभी शैक्षिक गतिविधियों का केन्द्र है। इसके भूतल और 9 मंज़िला टावर का कारपेट एरिया लगभग 1 लाख वर्ग फुट है। परिसर के मध्य में स्थित पुस्तकालय में परिसर की चारों दिशाओं से पहुँचा जा सकता है। पुस्तकालय वर्ष भर प्रात: 9.00 बजे से सांय 19.00 बजे तक खुला रहता है तथा परीक्षा के दिनों में यह प्रत्येक सत्र में 45 दिन के लिए मध्य रात्रि तक खुला रहता है। वर्ष के दौरान पुस्तकालय में 4 अवकाश (3 राष्ट्रीय अवकाश और होली) होते हैं।
विश्वविद्यालय में लगभग 5 लाख पुस्तकों का संग्रह है जिसमें पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएँ, सीरियल और गै़र पुस्तक संबंधी सामग्री शामिल है। पुस्तकालय के संग्रहों को पारम्परिक पद्धति का अनुसरण करते हुए लगभग विषय-वार नियोजित किया गया है जैसे - सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और मानवविज्ञान। विश्वविद्यालय लगभग 800 पत्र-पत्रिकाएं और कुछ आन लाइन डाटाबेसिस मंगा रहा है। पुस्तकालय सभी सरकारी प्रकाशनों और कुछ प्रसिद्ध अन्तरराष्ट्रीय एजेंसियों - जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्वबैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय, यूनेस्को आदि का न्यासी है। यह यूरोपीय आर्थिक आयोग के लिए रेफरल केंद्र के रूप में भी काम करता है। पुस्तकालय ने भारत के प्रसिद्ध विद्वानों जैसे - श्री जान मथाई, प्रो. ज्ञानचन्द आदि की बहुमूल्य पुस्तकें प्राप्त की हैं। जापानी दूतावास जापान में प्रकाशित पुस्तकें नियमित रूप से पुस्तकालय को दान करता है। पुस्तकालय का विश्व भर में कई भारतीय, अन्तरराष्ट्रीय एजेंसियों और राष्ट्रीय पुस्तकालयों के साथ विनिमय संबंध हैं और चैनल के माध्यम से वह अपने प्रकाशनों को जेएनयू के प्रकाशनों से विनिमय करते हैं। पुस्तकालय भविष्य में और अधिक संस्थानों के साथ विनिमय संबंध स्थापित करेगा।
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