फोटो में है सबकुछ लेकिन चिड़िया उसके बाहर है।
जंगल झरने पेड़ पहाड़ हँसती फसलें गाते खेत
नावें नदिया चलती लहरें होंठों पर मटमैली रेत
एक गिलहरी आगे आगे और दौड़ता पीछे डर है।
जल के सोते रिसता पानी दौड़ रहे हिरनों के बच्चे
इस कोने में उड़ती तितली उस कोने किरनों के बच्चे
एक धूप का नाजुक टुकड़ा और रात का खंजर है।
लोग मवेशी गली बगीचे पीपल की दुमकटी छाँव है
कच्चे घर में कई औरतें कई पाँव में एक पाँव है
एक अरगनी बिलकुल खाली और हवा का चक्कर है।
चिड़िया है फोटो के बार सोच रही कुछ करने को
और फ्रेम का खाली कोना सोच रही है भरने को
एक पंख में नील गगन है एक पंख में सागर है।
जंगल झरने पेड़ पहाड़ हँसती फसलें गाते खेत
नावें नदिया चलती लहरें होंठों पर मटमैली रेत
एक गिलहरी आगे आगे और दौड़ता पीछे डर है।
जल के सोते रिसता पानी दौड़ रहे हिरनों के बच्चे
इस कोने में उड़ती तितली उस कोने किरनों के बच्चे
एक धूप का नाजुक टुकड़ा और रात का खंजर है।
लोग मवेशी गली बगीचे पीपल की दुमकटी छाँव है
कच्चे घर में कई औरतें कई पाँव में एक पाँव है
एक अरगनी बिलकुल खाली और हवा का चक्कर है।
चिड़िया है फोटो के बार सोच रही कुछ करने को
और फ्रेम का खाली कोना सोच रही है भरने को
एक पंख में नील गगन है एक पंख में सागर है।
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