किताबों के शौकीनों को जून के महीने में अगर किसी खास किताब को पढ़ने का मन है तो ये पांच किताबें पढ़ें, जो हाल ही में पब्लिश हुई हैं, हर किताब एक अलग फील्ड से है, हां इस महीने रोमेंटिक नॉवेल की कमी सी है मार्केट में…लेकिन सच मानिए इन किताबों का भी एक क्लास है, इनकी खास शैली ही इन्हे आपको राइटर का फैन होने पर मजबूर कर देती है। तो आइए जानते है उन पांच किताबों के बारे में -
ए गारलैंड ऑफ मैमोरीज : यह किताब प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉण्ड ने लिखी है। इस किताब में उन्होने दून में बिताए अपने बचपन के दिनों का वर्णन किया है। किताब को रस्किन जी के 79 वें जन्मदिन के अवसर पर यानि 19 मई 2013 को प्रदर्शित किया गया था। किताब में दून की सुंदर यादें वाकई में अपना बना देती है।
ट्रोजन हॉर्स : इस किताब को बेहद दिमाग लगाकर, परखकर मार्क रसिनोविच ने लिखा है। पूरी किताब में साइबर वर्ल्ड के बारे में बात हुई है। लेखक ने दुनिया को साइबर क्राइम के बारे में किताब के माध्यम से आगाह किया है। साइबर दुनिया के विस्तार के साथ इसे एक खतरनाक हथियार के रूप में अपनाने की सम्भावनाएं भी बढ़ गई है जिसे इस बुक में बखूबी स्पष्ट कर दिया गया है।
गुड नाइट एंड गुड लक : कुसुमांजली रविन्द्रनाथ ने वाकई बेहद बखूबी से संग जेनेरशन की बच्चे पालने की जद्दोजहद को समझा है और इस किताब में लिखा है। 299 रूझ की इस किताब में एक मां और उसके बच्चे की कहानी है। दिल को छू लेने वाली इस किताब में आधुनिक पीढी द्वारा बच्चों को पालने के पहले साल की मिथ और सच के बारे में बताया गया है।
हॉफ ए रूपिज स्टोरी : इस किताब के लेखक गुलजार है और शायद इतना बता देना ही काफी होगा। मई के आखिर सप्ताह में पब्लिश हुई इस किताब की मार्केट में धूम है। इस बुक में गुलजार ने एक सुसाइड बॉम्बर की कहानी सामने रखी है जो प्रधान मिनिस्टर को उडाने की साजिश करता है। किताब का अनुवाद सुन्जॉय शेखर ने किया है।
द टेस्ट ऑफ माई लाइफ : युवराज सिंह ने अपनी जिन्दगी के सबसे संघर्ष भरे समय को इस किताब में लिखा है। किताब में कैंसर के दौर के बाद उभरने और फिर से सामान्य जीवन होने की अवधि को बताया गया है। प्रेरणा के लिए इसे पढ़ना वाकई में अच्छा रहेगा, खाकर उन लोगों के लिए जो इस दौर से या उनके परिवार को कोई इस दौर से गुजर रहा है।
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