ये तो सुना-देखा है कि देश के कई राज्यों में 'मोबाइल लाइब्रेरी वैन' देश-विदेश के मशहूर लेखकों और कवियों की किताबों का खजाना उपलब्ध करा रही हैं लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर पढ़ने वालों की संख्या बढ़ने के साथ ही टैबलेट कम्प्यूटर, मांग पर छपाई तकनीक और ई-बुक्स काफी प्रचलित होने लगी हैं। पुस्तक मेलों में ई-बुक प्रकाशक, डेवलपर और सामग्री प्रदाता अपनी ई-बुक्स का प्रदर्शन करने लगे हैं। अंग्रेजी में पहले से ही उपलब्ध कुछ प्रकाशन अब मातृभाषाओं में भी उपलब्ध हैं और वे डिजीटल मंच पर भी पहुंच बना रहे हैं। मोबाइल और टैबलेट के लिए ई-बुक और ई-मैग्जीन एप्लीकेशन, रॉकस्टैंड अपने पाठकों के लिए ई-बुक संग्रह पेश कर रहे हैं। यह व्यवस्था उन पाठकों को भी आकर्षित कर रही है, जो विभिन्न भाषाओं जैसे हिंदी, गुजराती और मराठी में पाठ्य सामग्री चाहते हैं। जल्द ही 18 भाषाओं में क्षेत्रीय सामग्री पेश करने की तैयारी है। यह एप्लीकेशन एंड्रॉयड फोन पर मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। रॉक एएसएपी के डिजीटल प्रमुख ऋषि एम झा कहते हैं, हमारी एप्लीकेशन से डाउनलोड की गई कोई किताब आपके पास हमेशा रहेगी। इंटरनेट की उपलब्धता न होने पर भी आप इस डाउनलोड किताब को पढ़ सकते हैं। इस एप्लीकेशन में नाइट रीडिंग मोड, विभिन्न फोंट आकार जैसे कई विशेष फीचर भी हैं। अगर आप पढ़ते हुए थक जाते हैं तो यह एप्लीकेशन आपके लिए इसे पढ़ता भी है। कंपनी ने प्रमुख प्रकाशन समूहों के साथ हाल ही में गठजोड़ भी किया है। इस गठजोड़ के साथ ही रॉकस्टैंड ने इन प्रकाशकों की एक हजार से भी ज्यादा किताबें शामिल की हैं। ये किताबें हिंदी, अंग्रेजी और कई क्षेत्रीय भाषाओं में हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध किताबें डायमंड कॉमिक्स के चाचा चौधरी, बिल्लू और पिंकी, राजकमल प्रकाशन का उपन्यास तामस, भगतसिंह को फांसी, चित्रलेखा आदि शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि वह सरकार से आकाश टैबलेट में उनका एप्लीकेशन लगाने के लिए बात कर रही है।
Tuesday, 25 June 2013
मोबाइल में किताबें
ये तो सुना-देखा है कि देश के कई राज्यों में 'मोबाइल लाइब्रेरी वैन' देश-विदेश के मशहूर लेखकों और कवियों की किताबों का खजाना उपलब्ध करा रही हैं लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर पढ़ने वालों की संख्या बढ़ने के साथ ही टैबलेट कम्प्यूटर, मांग पर छपाई तकनीक और ई-बुक्स काफी प्रचलित होने लगी हैं। पुस्तक मेलों में ई-बुक प्रकाशक, डेवलपर और सामग्री प्रदाता अपनी ई-बुक्स का प्रदर्शन करने लगे हैं। अंग्रेजी में पहले से ही उपलब्ध कुछ प्रकाशन अब मातृभाषाओं में भी उपलब्ध हैं और वे डिजीटल मंच पर भी पहुंच बना रहे हैं। मोबाइल और टैबलेट के लिए ई-बुक और ई-मैग्जीन एप्लीकेशन, रॉकस्टैंड अपने पाठकों के लिए ई-बुक संग्रह पेश कर रहे हैं। यह व्यवस्था उन पाठकों को भी आकर्षित कर रही है, जो विभिन्न भाषाओं जैसे हिंदी, गुजराती और मराठी में पाठ्य सामग्री चाहते हैं। जल्द ही 18 भाषाओं में क्षेत्रीय सामग्री पेश करने की तैयारी है। यह एप्लीकेशन एंड्रॉयड फोन पर मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। रॉक एएसएपी के डिजीटल प्रमुख ऋषि एम झा कहते हैं, हमारी एप्लीकेशन से डाउनलोड की गई कोई किताब आपके पास हमेशा रहेगी। इंटरनेट की उपलब्धता न होने पर भी आप इस डाउनलोड किताब को पढ़ सकते हैं। इस एप्लीकेशन में नाइट रीडिंग मोड, विभिन्न फोंट आकार जैसे कई विशेष फीचर भी हैं। अगर आप पढ़ते हुए थक जाते हैं तो यह एप्लीकेशन आपके लिए इसे पढ़ता भी है। कंपनी ने प्रमुख प्रकाशन समूहों के साथ हाल ही में गठजोड़ भी किया है। इस गठजोड़ के साथ ही रॉकस्टैंड ने इन प्रकाशकों की एक हजार से भी ज्यादा किताबें शामिल की हैं। ये किताबें हिंदी, अंग्रेजी और कई क्षेत्रीय भाषाओं में हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध किताबें डायमंड कॉमिक्स के चाचा चौधरी, बिल्लू और पिंकी, राजकमल प्रकाशन का उपन्यास तामस, भगतसिंह को फांसी, चित्रलेखा आदि शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि वह सरकार से आकाश टैबलेट में उनका एप्लीकेशन लगाने के लिए बात कर रही है।
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