Thursday, 4 July 2013

क्या हिन्दी दुनिया की एक सबसे लोकप्रिय भाषा होगी?


संयुक्त राष्ट्र संघ के एक जनसांख्यिकीय शोध के अनुसार 15 सालों में भारत चीन को पीछे छोड़कर जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच जायेगा। इस वजह से दुनिया में हिंदी भाषा की भूमिका काफी बढ़ सकती है। रूस की विज्ञान अकादमी के तहत प्राच्यविद्या संस्थान के भारत अनुसंधान केंद्र की नेता तत्याना शाउम्यान का यही विचार है। याद रहे कि भारत के अलावा हिन्दी भाषा नेपाल, मॉरिशस, फिजी, सूरीनाम, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बर्मा में भी बोली जाती है। दक्षिण अफ्रीका, घाना में भी हिन्दी बोलनेवाले लोगों की संख्या कुछ कम नहीं है। रूसी विशेषज्ञों के मतानुसार भारत के सफल आर्थिक विकास और उसके अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव में वृद्धि भी हिन्दी की लोकप्रियता बढ़ाने में सहायक है। तत्याना शाउम्यान ने कहा – दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में रहनेवाले भारतीय प्रवासी आपस में हिन्दी में ही बातें करते हैं और हिन्दी साहित्य भी पढ़ते हैं। ब्रिटेन में रहनेवाले भारतीय प्रवासियों का संगठन दुनिया में सबसे प्रभावशाली है तथा अमरीका में रहनेवाले भारतीय मूल के लोगों की संख्या सबसे बड़ी है। वह बीस लाख से अधिक है। मास्को विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के तहत जनता की समस्याओं का अध्ययन करनेवाले केंद्र के एक विशेषज्ञ, रूस की विज्ञान अकादमी के भूविज्ञान संस्थान के कर्मी रुस्लान दिमीत्रियेव मानते हैं कि भविष्य में हिन्दी बोलनेवालों की संख्या इस हद बढ़ सकती है कि हिन्दी दुनिया की एक सबसे लोकप्रिय भाषा हो जायेगी।
रुस्लान दिमीत्रियेव ने कहा – इस बात को ध्यान में रखकर कि इस समय दुनिया में करीब एक अरब लोग हिन्दी बोलते हैं, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि दस सालों में हिन्दी बोलनेवालों की संख्या 1,5 अरब तक बढ़ सकती है। तब हिन्दी वर्तमान में सबसे लोकप्रिय भाषाओं चीनी और स्पेनी भाषाओं को पीछे छोड़ देगी। भारत के अलावा दुनिया के दूसरे देशों में भी हिन्दी भाषा में सैकड़ों पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित की जाती हैं। यूरोप और अमरीका में हिन्दी भाषी स्कूल स्थापित किये गये हैं, हिन्दी भाषी रेडियो स्टेशन, टीवी चेनल और वेब साइटें काम करती हैं। हिन्दी फिल्मों की लाखों डीवीडी जारी की जाती हैं जो हाथों हाथ बिकती हैं। न केवल एशिया, यूरोप के देशों और अमरीका में बल्कि इज़राइल के विश्वविद्यालयों में भी हिन्दी पढ़ायी जाती है। रूसी विश्वविद्यालयों में भी हिन्दी के विशेषज्ञ शिक्षा पा रहे हैं। हिन्दी बोलनेवालों तथा हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य का प्रचार करनेवालों के बीच संपर्कों के विकास हेतु दुनिया के विभिन्न देशों में नियमित रूप से विश्व हिन्दी कांफ्रेंस बुलायी जाती है। 2012 के सितंबर में जोहानसबर्ग में संपन्न 9वीं विश्व हिन्दी कांफ्रेंस में लोकप्रिय हिन्दी लेखकों और दूसरे कलाकारों ने भाग लिया था। हर साल 14 सितंबर को भारत में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार इस अवसर पर मुशायरे वगैरह आयोजित किये जाते हैं। तथा 7 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी दिवस मनाया जाता है। इसलिये यह तार्किक होगा कि भविष्य में हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की एक कामकाजी भाषा के रूप में मान्यता दी जाये। (hindi.ruvr.ru)

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