Monday, 3 March 2014

वाजदा खान

चिड़िया तुम अपने पंख
उधार दे दो
मुझे चाँद से मिलने जाना है
हवा न जाने कहाँ उसे
बुहार कर ले गई
चिड़िया !मुझ पर विश्वास करो
तुम्हारे पंख लौटा दूंगी
बस एक मुलाकात करना चाहती हूँ ,
उसके लिए मुझे जाना ही होगा
तुम मेरे लिए इतना तो कर सकती हो ना !
मैं तुम्हें प्यार जो करती हूँ इतना
थोड़ा प्यार चाँद के पंखों में
भरना चाहती हूँ ताकि
आसमान की बंदिश के आलावा
कोई मनचाही उड़ान भर सके |

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