शब्द
शब्द आओ मेरे पास,जो बुलायें, जाओ उनके पास भी
Friday, 28 February 2014
शाकिब जलाली
आ कर पत्थर तो मेरे सहन में दो चार गिरे
जितने उस पेड़ पे फल थे, पसे-दीवार गिरे।
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