Friday, 28 February 2014

कतील शिफाई


अब जिसके जी में आये, वो ही पाए रोशनी
हमने तो दिल जला के सरे-आम रख दिया
क्या मसलहत-शनास था वो आदमी 'कतील'
मजबूरियों का जिसने वफ़ा नाम रख दिया

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