आँधी के झूले पर झूलो!
आग बबूला बन कर फूलो!
कुरबानी करने को झूमो!
लाल सवेरे का मूँह चूमो!
ऐ इन्सानों! ओस न चाटो!
अपने हाथों पर्वत काटो!
पथ की नदियाँ खींच निकालो!
जीवन पीकर प्यास बुझालो!
रोटी तुमको राम न देगा!
वेद तुम्हारा काम न देगा!
जो रोटी का युद्ध करेगा!
वह रोटी को आप वरेगा!
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