Monday, 6 January 2014

गूगल से चुनाव आयोग के करार पर भाजपा, कांग्रेस चिंतित

अगले आम चुनावों से पहले मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव आयोग द्वारा गूगल से करार करने के प्रस्ताव पर चिंता जताते हुए कांग्रेस और भाजपा ने कहा कि इस तरह का फैसला लेने से पहले सभी पक्षों से सलाह मशविरा होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर प्रस्तावित करार पर चिंता जतायी और उम्मीद जताई है कि इसका चुनाव की प्रक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कांग्रेस के विधि और मानवाधिकार विभाग के प्रभारी एआईसीसी सचिव के सी मित्तल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, ‘यह बहुत संवेदनशील मुद्दा लगता है। ऐसा लगता है कि सभी पक्षों से परामर्श किये बिना यह किया गया है।’ चुनाव आयोग के प्रस्तावित करार के बारे में पूछे जाने पर भाजपा ने भी चिंता जताई और कहा कि चुनाव आयोग द्वारा सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘हमें चुनाव आयोग की मंशा पर कोई संदेह नहीं है लेकिन पहले मामले पर सर्वदलीय बैठक में सभी पक्षों से बात की जानी चाहिए थी जिसके बाद अंतिम निर्णय लेना चाहिए। इसमें कुछ सुरक्षा संबंधी चिंता पैदा होती है।’ कुछ साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी इस करार पर चिंता जताई है। विशेषज्ञों के समूह ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।
ये चिंताएं ऐसे समय में उठाई गयी हैं जब भारतीयों की अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को अमेरिका के साथ साझा किये जाने की खबरें आयी हैं । खासतौर पर एडवर्ड स्नोडेन द्वारा खुलासा किया गया है कि अमेरिकी एजेन्सियों द्वारा व्यापक स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्रित की गयी है । विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि भारत भी सॉफ्टवेयर के मामले में दिग्गज है लेकिन चुनाव आयोग ने भारतीय कंपनियों के बजाय अमेरिकी कंपनी से हाथ मिलाने का फैसला किया।
चुनाव आयोग ने अमेरिकी कंपनी गूगल के अनुरोध पर ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण और वोटर कार्ड नंबर तथा मतदान केंद्रों के बारे में अहम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए करार करने का प्रस्ताव रखा है।

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