Monday, 6 January 2014

रेडियो से फायदा : याग्निक

सलोनी सुरती

आज के दौर में मार्केटर्स को बाजार की जरूरत, किसी खास इलाके में रेडियो की पहुंच, संभावित खरीदारों के बारे में विस्तार से रिसर्च, उनकी यात्रा संबंधी आदतों के साथ-साथ क्षेत्र विशेष में प्राइम टाइम की समझ होनी चाहिए। हम मानते हैं कि एक कैंपेन की रूपरेखा तय करते वक्त इन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि अधिकतम रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (आरओआई) मिल सके।
मंजू याग्निक, नाहर ग्रुप की वाइस चेयरमैन हैं और इस ग्रुप से बीते दो दशकों से जुड़ी हुई हैं। याग्निक ने ग्रुप के ‘अमृत शक्ति’ प्रोजेक्ट का खाका खींचा है। इसका मकसद लोगों को विश्वस्तरीय घर मुहैया कराना है। बरबरी और ब्रायनी जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिये भारतीय कंज्यूमर्स की स्पेस, सौंदर्य और दूसरी सुख-सुविधाओं संबंधी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश की गई है।
सलोनी सुरती के साथ बातचीत के दौरान याग्निक ने बताया कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए एक मार्केटिंग मीडियम के रूप में रेडियो की क्या अहमियत है।
एक मार्केटर के रूप में रेडियो से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं ?
आज रेडियो ऐडवरटाइजिंग के सबसे प्रभावी माध्यमों में से एक है। हम हमारे टारगेट ग्रुप्स (संभावित होम बायर्स) के बीच रेडियो की व्यापक पहुंच से फायदे की उम्मीद करते हैं। हम रेडियो के जरिये लोगों को ‘अमृत शक्ति’ जैसे फ्लैगशिप प्रोजेक्ट के बारे में बेहतर तरीके से जानकारी दे सकते हैं। यह प्रीमियम टाउनशिप चांदीवली में 125 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है। इसके अलावा हाल ही में लॉन्च किए गए दूसरे प्रोजेक्ट्स जैसे - रोज़ा एल्बा, बरबरी, ब्रायनी के बारे में रेडियो के माध्यम से जानकारी दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त हम रेडियो ऐड्स के जरिये अपने ब्रैंड को और मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
रेडियो रियल एस्टेट मार्केटर्स की किस तरह मदद करता है ? 
रेडियो ऐडवरटाइजिंग का सबसे बड़ा फायदा इसकी व्यापक पहुंच और इसका आसानी से मिल जाना है। रेडियो के जरिये कम लागत में ज्यादा जानकारी दी जा सकती है। रियल एस्टेट मार्केटर्स किसी जानी-पहचानी आवाज के माध्यम से अपने प्रोजेक्ट्स से जुड़ी जरूरी जानकारियां देकर इसका फायदा उठा सकते हैं।
रेडियो में निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? 
आज के दौर में मार्केटर्स को बाजार की जरूरत, किसी खास इलाके में रेडियो की पहुंच, संभावित खरीदारों के बारे में विस्तार से रिसर्च, उनकी यात्रा संबंधी आदतों के साथ-साथ क्षेत्र विशेष में प्राइम टाइम की समझ होनी चाहिए। हम मानते हैं कि किसी कैंपेन की रूपरेखा तैयार करते वक्त इन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि अधिकतम रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (आरओआई) मिल सके।
आपका अब तक का सबसे सफल रेडियो कैंपेन कौन-सा रहा है। इसके बारे में विस्तार से बताएं ? 
हाल ही में हमने अपने फ्लैगशिप प्रोजेक्ट ‘नाहर अमृत शक्ति’ के लिए एक रेडियो कैंपेन किया है जो कि ‘रियल लाइफ ब्रैंड एंबैसेडर्स’ के कॉन्सेप्ट पर आधारित है। यह हमारे सबसे कामयाब रेडियो कैंपेंस में से एक रहा है। इस कैंपेन में ‘अमृत शक्ति’ टाउनशिप में रह रहे लोगों की बातों (वास्तविक प्रशंसा) को शामिल किया गया है। इस कॉन्सेप्ट के पीछे विचार यही था कि संभावित होम बायर्स टाउनशिप में रह रहे लोगों के अनुभव को जान सकें। हमने अपने रेडियो ब्रैंड कैंपेन में स्टैंड-अप कॉमेडी को शामिल किया। हमने ऐसा पहली बार किया।
रेडियो ऐड्स ने हमारे संदेश को आम बोलचाल की भाषा और हल्की-फुल्की शैली में लोगों तक पहुंचाया। हमने कैंपेन के लिए रेडियो का चुनाव एकीकरण करने वाले मीडियम के रूप में किया।
मार्केटर्स वनिला रेडियो स्पॉट्स से आगे जाकर श्रोताओं को किस तरह आकर्षित कर सकते हैं ? 
इस कैंपेन के बारे में विचार करते वक्त हम यही कोशिश कर रहे थे। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमें इसमें कामयाबी मिली। टाउनशिप में रह रहे लोगों का नजरिया और स्टैंड-अप कॉमेडी जैसी थीम्स रेडियो कैंपेन में शामिल की गईं। हमें लगता है कि वनिला रेडियो स्पॉट्स  से आगे जाने में इन चीजों ने हमें कामयाबी दिलाई।
रेडियो मार्केटिंग ने नाहर समूह को कैसे मदद की है ?
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि हाल के हमारे रेडियो ऐड कैंपेन से होम बायर्स को आकर्षित करने, लोगों में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ हमें बाजार में अपने ब्रैंड की स्थिति को मजबूत करने में काफी मदद मिली है। 
 आप रेडियो को टैक्टिकल अप्रोच के साथ इस्तेमाल करती हैं या फिर जेनरिक अप्रोच ? 
हमारा रेडियो कैंपेन दूसरों से बिल्कुल अलग था। हमें प्रिंट, आउटडोर और रेडियो ऐडवरटाइजिंग में बेहतर तालमेल बैठाना था। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि रेडियो ऐडवरटाइजिंग को लेकर हमारा अप्रोच पूरी तरह से रणनीतिक या टैक्टिकल था। इसका हमें फायदा भी मिला। 
 आपने मार्केटिंग बजट का कितना प्रतिशत रेडियो के लिए आरक्षित रखा है?
हमारे बजट का लगभग 10 फीसदी हिस्सा रेडियो एडवरटाइजमेंट के लिए आरक्षित है।

No comments:

Post a Comment