Wednesday, 26 June 2013

भारतीय पाठकों की पसंदीदा 10 पुस्तकें



स्मृति आदित्य

चाहे दुनिया की तस्वीर कितनी ही बदल जाए लेकिन किताबों के लिए पाठकों की दीवानगी हमेशा से थी और हमेशा रहेगी। वर्ष 2012 में जो पुस्तकें छाईं रही उनसे यह आशा जागी है कि पाठकों की रूचि आज भी स्तरीय बनी हुई है। आइए, एक नजर डालते हैं भारत की दस ऐसी श्रेष्ठ श्रेष्ठ पुस्तकों पर। अमिश त्रिपाठी की भगवान शिव पर आधारित ट्रायोलॉजी सीरिज का पहला उपन्यास था 'मेलुहा के मृत्युंजय'। इस पुस्तक को खूबसूरत कल्पना के सहारे से देवों के देव महादेव को और वास्तविक रूप में दर्शाने का प्रयत्न कहा जा सकता है। कहानी एक प्राचीन देश मेलुहा की है, जो कई शताब्दी पहले भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था। अमीश त्रिपाठी के शिव-त्रयी का दूसरा उपन्यास है 'द सीक्रेट ऑफ द नागाज'। इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा यह उपन्यास। 'द सीक्रेट ऑफ द नागाज' एक ऐसे रहस्यमय साम्राज्य से परिचय कराता है, जहां हर चीज ने मुखौटे पहने हैं और हर जगह कोई गहरा राज छिपा है। 'मेलुहा के मृत्युंजय' के अंत से इस उपन्यास का आगाज होता है। नागाज सती पर हमला बोल देते हैं और मेलुहा के रक्षक शिव अपनी पत्नी को बचाने में कामयाब होते हैं। नागाज जाते-जाते एक सिक्का छोड़ जाता है और उस सिक्के के दम पर शिव नागाज का रहस्य पता करने के लिए निकल पड़ते हैं। सती कार्तिक को जन्म देती है। एक अनोखे युद्ध में सती की रक्षा करने के लिए नागाज के सैनिक आ जाते हैं और यहीं मुलाकात होती है सती की अपने पुत्र गणेश और बहन काली से। यह नागा की रानी काली इस रहस्य को सुलझाती है या और उलझनें खड़ी करती हैं? यह पुस्तक पढ़कर जाना जा सकता है। उपन्यास को कम शब्दों में कहा जाए तो यह एक रोमांचक यात्रा है।
द फाउंटेनहेड एक ऐसा उपन्यास है जिसमें एक आदमी की व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई का वर्णन है। फाउंटेनहेड अयान रेंड द्वारा लि‍खित (1943) उपन्यास है। यह पुस्तक रेंड की प्रमुख साहित्यिक सफलता मानी जाती है। इस पुस्तक की 6.5 लाख से अधिक प्रतियां दुनिया भर में बेची जा चुकी है। इसकी पांडुलिपि बारह प्रकाशकों द्वारा अस्वीकार कर दी गई थी। आर्चीबॉल्ड ने अपनी नौकरी को खतरे में डालकर इसे प्रकाशित किया। मात्र मौखिक प्रचार से ही यह बेस्टसेलर की श्रेणी में आ गई। सोशल मीडिया सर्वे के अनुसार भारत में यह दूसरी सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तक है।
प्रीति शेनॉय की यह पुस्तक भारत में तीसरी सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तक है। इसे उन लोगों को अवश्य पढ़ना चाहिए जो अक्सर आत्महत्या के बारे में सोचते हैं और जीवन के प्रति निराशा का अनुभव करते हैं। यह पुस्तक हमें सिखाती है कि हमारी जिंदगी कितनी महत्वपूर्ण है और इसे हल्के-फुल्के सरल अंदाज में कैसे जिया जा सकता है। जीवन बेहद खूबसूरत है, विपरीत परिस्थितियों में आप इसका सामना कैसे करते हैं यह आपके दृष्टिकोण पर निर्भर करता है जिंदगी पर नहीं। जब अचानक कोई पहाड़ टूट भी पडे तो आप क्या करेंगे? पलायन करेंगे, सामना करेंगे या जो हुआ है उसे खुशी-खुशी स्वीकार कर लेंगे... पुस्तक की नायिका अंकिता शर्मा खूबसूरत है, स्मार्ट और युवा है अचानक 6 माह बाद वह अपने आपको मानसिक रोग से ग्रस्त पाती है। अंकिता ने अपनी हंसती-चहकती जिंदगी में दोबारा प्रवेश कैसे किया, पुस्तक में उसक‍ी यह लड़ाई बेहद प्रेरक, रोमांटिक और दिलचस्प अंदाज में पेश की गई है।
The Emperor Of All Maladies: A Biography Of Cancer: भारत में चौथी सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली यह यह किताब कैंसर पर लिखी गई है। मगर इसमें नया क्या है? कैंसर पर अब तक सैकड़ों किताबें लिखी जा चुकी है। खास बात यह है कि यह किताब कैंसर के लक्षणों और बचाव पर नहीं है। भारतीय मूल के अमेरिकन युवा डॉक्टर सिद्धार्थ मुखर्जी ने कैंसर पर इसे आम जनमानस की नाजुक भावनाओं और बेबुनियाद आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए अत्यंत रोचक अंदाज में बुना है। पुस्तक ना सिर्फ कैंसर पी‍ड़‍ितों बल्कि उनके परिजनों की चिंताओं को केन्द्र में रखकर लिखी गई है। इस पुस्तक में सिद्धार्थ ने कैंसर की जुबानी कैंसर का इतिहास बयान किया है। सिद्धार्थ ने स्पष्ट भी किया कि 'यह किताब डॉक्टरों के लिए नहीं है। भाषा, प्रस्तुति और विषयवस्तु हर दृष्टि से मैंने एक आम इसांन को ध्यान में रखकर लिखी है। सिद्धार्थ अपनी इस पुस्तक में लिखते हैं, अगर टीबी 19 वीं सदी का सबसे भयावह रोग था तो कैंसर 20 वीं सदी का महारोग है। इसीलिए इसे पुस्तक के नाम में ही सभी रोगों का बादशाह (emperor) बताया गया है। पुस्तक ने प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार जीता है। सिद्धार्थ मुखर्जी ने इस बीमारी को लेकर होने वाली राजनीति की पुस्तक में विस्तार से चर्चा की। सिद्धार्थ के अनुसार,' अमेरिका में 20वीं शताब्दी के आरंभिक दशकों में सबसे ज्यादा लोग फेफड़े के कैंसर से मरे लेकिन वहाँ की टोबैको लॉबी इतनी तगड़ी थी कि उसने इस संबंध में लोगों तक पूरी और आवश्यक सूचनाएं पहुंचने ही नहीं दी ताकि लोग सिगरेट के फैशन को बरकरार रखें। सिगरेट कंपनियों का मुनाफा बढ़ता रहे। चाहे देश की जनता एक क्रूर रोग की चपेट में आकर मरे तो मरती रहे। इस जागरूकता के प्रसार में खासा समय लगा कि कैंसर से बचने के लिए धूम्रपान का त्याग कितना जरूरी है। पुस्तक का दिलचस्प पक्ष यह है कि कैंसर से निपटने के डॉक्टरी प्रयासों को भी इस आकर्षक अंदाज में रखा गया है कि पाठक बेहद हल्के-फुल्के मूड में एक खतरनाक बीमारी के गंभीर परिणामों को समझ लेता है। न्यूयार्क टाइम्स ने पहले सबसे ज्यादा बिक्री वाली किताबों की सूची में इसे शामिल किया। अगले ही हफ्ते न्यूयार्क टाइम्स ने 'द एम्परर ऑफ ऑल मेलेडीस: ए बायोग्राफी ऑफ कैंसर' को वर्ष 2010 की टॉप 10 बुक्स की लिस्ट में रखा। इसको पांच गैर कथात्मक किताबों की सूची में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। 2012 में भी पुस्तक ने टॉप टेन में अपना स्थान सुरक्षित रखा।
Mithya: A Handbook of Hindu Mythology : देवदत्त पट्टनायक की यह पुस्तक हिन्दू धर्म, दर्शन के सदियों से प्रचलित मिथकों और किंवदंतियों को देखने और समझने का नया नजरिया देती है। ‍भारतीय संस्कृति, हिन्दू धर्म, आध्यात्म और पुराणों के पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे मिथकों, प्रतीकों, और रिवाजों को जानने के लिए भारत में इस पुस्तक को बड़े चाव से पढ़ा जा रहा है। लेखक ने बिना किसी लंबे-चौड़े आख्यानों के इसे सीधे अंदाज में पेश किया है। देवदत्त की लेखन शैली सटीक और स्पष्ट है यही वजह है कि इसने तेजी से लोकप्रियता के पायदान चढ़े हैं। पुस्तक में उकेरे रेखाचित्र भी देवदत्त के ही हैं।
Steve Jobs: The Exclusive Biography : एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स यह जीवनी लिखने के लिए इस वजह से तैयार हुए थे कि उनके बच्चे यह जान सकें कि वह उन्हें ज्यादा क्वॉलिटी टाइम क्यों नहीं दे सके। ‘स्टीव जॉब्स’ के लेखक वाल्टर आईजैक्सन हैं। ‘आई स्टीव: दी बुक आफ जॉब्स’ शीर्षक से आने वाली इस पुस्तक का जॉब्स के निधन के कारण शीर्षक बदल दिया गया।
  जीवन के आखिरी सप्ताह में बेहद बीमार जॉब्स, आईजैक्सन से मिले थे। कैंसर के कारण जॉब्स की 56 वर्ष की अवस्था में मृत्यु हो गई। जीवनी में जॉब्स के विचारों और जुनूनी व्यक्तित्व के अलावा बताया गया है कि जॉब्स को हफ्तों पहले यह आभास हो गया था कि जल्दी ही उनकी मृत्यु होने वाली है। एप्पल के फैन्स के बीच यह पुस्तक खासी लोकप्रिय है।
Revolution 2020 : युवा लेखक चेतन भगत की युवाओं के लिए लिखी पुस्तक 'रिवोल्यूशन 2020' खासी चर्चा में रही। 2012 में यह टॉप टेन बुक्स में शामिल की गई है। क्रिकेटर युवराज सिंह ने पुस्तक का विमोचन किया था। चेतन के अनुसार उनकी यह किताब मुख्य रूप से लव स्टोरी है, जो आज के युवाओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है। यह छोटे शहर में रहने वाले युवाओं के जीवन पर केंद्रित है। देश में आज भी कई पुस्तक प्रेमी हैं, जो पढ़ना चाहते हैं और मैं उनकी इच्छा को हमेशा जिंदा रखना चाहता हूं, इसीलिए लिखता हूं। अब तक चेतन भगत की दो किताबों पर फिल्में बन चुकी हैं। चेतन को उम्मीद है कि भारतीय शिक्षा में भ्रष्टाचार और प्रेम पर आधारित पुस्तक 'रिवॉल्यूशन 2020' पर भी फिल्म बनेगी। इस पुस्तक को रूपा एंड कंपनी ने प्रकाशित किया।
'रिवोल्यूशन 2020' - प्यार, भ्रष्टाचार और महत्वाकांक्षा के आसपास चलती है। बनारस में पले-बढ़े तीन दोस्त गोपाल और राघव की एक ही लड़की आरती से प्रेम की कहानी है। इसमें शैक्षणिक जगत के भ्रष्टाचार का दिलचस्प ढंग से वर्णन है। पुस्तक के जरिये चेतन ने छोटे शहरों के युवाओं के सपनों और उम्मीदों को उकेरा है। शिक्षा के क्षेत्र में उतरे निजी उद्यमियों के लालच और उनसे उत्पन्न विसंगितयों पर भी प्रकाश डाला है।
I Have A Dream : रश्मि बंसल की पुस्तक आई हेव ए ड्रीम का हिन्दी अनुवाद प्रभात प्रकाशन से 'सच हुए सपने' नाम से आया है। दोनों ही पुस्तक पाठकों द्वारा बेहद पसंद की जा रही है। स्टे हंगरी स्टे फुलिश और करेक्ट द डॉट जैसी बेस्टसेलर किताबें लिखने वाली रश्मि बंसल की यह किताब आशा की किरण बने 20 प्रेरक लोगों से रू-ब-रू कराती है। ये वे लोग हैं जिन्होंने सवा सौ करोड़ अन्य भारतीयों के विपरीत अलग हटकर कुछ करने की ठानी है। ये ऐसे 20 उद्यमी हैं जिनके अपने सामाजिक शुभ उद्देश्य भी हैं। रश्मि ने किताब को दिलचस्प बनाने के लिए तीन हिस्सों में बांटा है- मेघदूत, परिवर्तनकर्ता और दैवीय पूंजीपति। मेघदूत में शौचालय प्रसाधन क्रांति के जनक सुलभ इंटरनेशनल के बिंदेश्वर पाठक से शुरुआत की गई है। एक ब्राह्मण जिसने भारत में मैला ढोने वालों को उनके काम से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
परिवर्तनकर्ता में सुपर-30 के आनंद कुमार पर लेखनी चलाई है तो अरविंद केजरीवाल, परिवार आश्रम के विनायक लोहानी, सेल्को के हरीश हांडे और रंगसूत्र की सुष्मिता घोष व देसी क्रू की सलोनी मल्होत्रा भी इनमें शामिल है। रश्मि के अनुसार, ये वे लोग हैं जो मैनेजमेंट के सिद्धांतों और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से विश्व को रहने योग्य बनाने की कोशिशों में लगे हैं।
Don’t Lose Your Mind Lose Your Weight : यह पुस्तक ऋजुता दिवेकर की शानदार प्रस्तुति कही जा सकती है। शीर्षक के अनुसार ही यह पुस्तक सिखाती है कि बिना मानसिक तनाव लिए शरीर का वजन कैसे कम किया जा सकता है।
Chanakya’s Chant : यह अश्विन सांघी का 500 पृष्ठ का उपन्यास है। नाम और कवर पेज से यह भ्रम हो सकता है कि यह चाणक्य की नीतियों और सूत्रों पर आधारित पुस्तक है लेकिन यह एकदम नए विचार और ताजगीपूर्ण अंदाज में लिखी ऐसी प्रस्तुति है जिसे युवा और राजनीति में रुचि रखने वालों के अतिरिक्त नए पाठक भी पसंद कर रहे हैं। यह उपन्यास दो समान स्तर पर साथ-साथ चलता है। एक कहानी सन 2300 से पूर्व चाणक्य नामक ब्राह्मण की है जो अपने पिता की हत्या का बदला लेने की शपथ उठाता है और दूसरी वर्तमान भारत के पंडित गंगासागर मिश्रा की है जो अपनी शिष्या को देश के 18वें प्रधानमंत्री के रूप में आसीन करने में सफल होता है। पुस्तक अच्छा प्रतिसाद पा रही है। टाने के कुछ आसान ट्रिक्स भी बताती है जो डेली डाइट से समझौता किए बिना भी आजमाए जा सकते हैं। (hindi.webdunia.com से साभार)

No comments:

Post a Comment