Friday, 21 November 2014

हैफ़ा वेहबे के उत्तेजक लिबास पर घमासान

लेबनान की एक पॉप स्टार की पोशाक ने अरब देशों के सोशल मीडिया में बहस छेड़ दी है. मिस्र, जॉर्डन और सऊदी अरब की कई महिलाओं ने हैफ़ा की पोशाक की तीखी आलोचना की है. पिछले हफ़्ते गायिका हैफ़ा वेहबे ने अरब स्टार एकेडमी म्यूज़िक शो पर प्रस्तुति दी थी. समूचे अरब देशों में प्रसारित किए जाने वाले इस शो में हैफ़ा ने कुछ हद तक पारदर्शी लिबास पहना था. बीस लाख से ज़्यादा लोगों ने हैफ़ा की इस प्रस्तुति को ऑनलाइन भी देखा है. लेकिन वीडियो पर की गई टिप्पणियाँ बताती हैं कि अरब देशों में महिलाओं के कपड़ों को लेकर बहस का किस हद तक ध्रुवीकरण हो गया है.
कई महिलाएं ने इसे उत्तेजक और शर्मनाक क़रार दिया है. यू-ट्यूब पर एक टिप्पणी में लिखा गया, "कला की भी सीमाएं हैं और हैफ़ा तुमने उन्हें लांघ दिया है." अरब देशों में महिलाएं क्या पहन सकती हैं और क्या नहीं पहन सकती हैं इसको लेकर अलग-अलग देशों में अलग-अलग विचार हैं. लेबनान में मिनी स्कर्ट और बिकनी पहनना असमान्य बात नहीं है लेकिन सऊदी अरब की महिलाएं ख़ुद को सिर से पैरों तक ढका रखती हैं. लेकिन ऐसे समुदायों में भी जब महिलाओं सिर्फ़ महिलाओं के बीच ही होती हैं तो वे भी सिने सितारों की तरह ही पोशाक़ पहनती हैं. हैफ़ा के कपड़ों को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है. मिस्र की एक महिला ने ट्विटर पर लिखा, "यह सच है कि हम उनके शर्मनाक़ पहनावों को देखने के आदि हो गए हैं लेकिन इस हद तक नहीं. यह दर्शकों के लिए आघात है."
हैफ़ा ने ट्वीट कर कहा है कि वह जानकर हैरान है कि स्टेज पर उनकी ड्रैस कैसी दिख रही थी. कुछ ने हैफ़ा का बचाव भी किया. एक महिला ने लिखा, "आपको ही उन्हें ऐसी पोशाक़ में देखने की आदत डाल लेनी चाहिए. सबको अपना पहनावा चुनने की आज़ादी है." एक अन्य महिला ने ट्वीट किया, "उत्तेजक लिबास पहनने वाली वे पहली या आख़िरी महिला नहीं हैं, वे इसमें बहुत ख़ूबसूरत लग रहीं थीं." लेबनानी लाइफ़स्टाइल ब्लॉगर दाना ख़ैरल्लाह कहती हैं कि लोगों ने इस पर विवाद किया क्योंकि अरब संस्कृति में इनदिनों अंदरुनी घमासान चल रहा है.
वे कहती हैं, "लोगों को लगता है कि यदि महिलाएं ऐसी पोशाक पहनेंगी तो इससे संस्कृति का ग़लत प्रतिनिधित्व होगा लेकिन मुझे ये पाखंड ज़्यादा लगता है क्योंकि क्लबों में अरब लड़कियाँ इससे भी उत्तेजक कपड़े पहनती हैं. उन पर कोई ग़ौर नहीं करता क्योंकि वहाँ कैमरा नहीं होता है." एक टिप्पणी में कहा गया, "इस तरह की महिलाओं को इस्लामिक स्टेट भेजे जाने की ज़रूरत है." शो को प्रसारित करने वाले मिस्र के चैनल सीबीसी ने इसके लिए माफ़ी मांग ली है. हैफ़ा ने भी मंच की रोशनी को इसके लिए ज़िम्मेदार बताते हुए कहा कि उनके कपड़े इतने उत्तेजक नहीं थे. उन्होंने कहा, "मैं ये जानकर चकित हूँ कि तेज़ रोशनी में यह पोशाक़ बिलकुल अलग नज़र आ रही थी." (बीबीसी से साभार)

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