Friday, 21 November 2014

लिख और दिख

'कलम अपनी साध, मन की बात बिल्कुल ठीक कह एकाध, जिस तरह हम बोलते हैं, उस तरह तू लिख, और इसके बाद भी हमसे बड़ा तू दिख....चीज़ ऐसी दे कि जिसका स्वाद सिर चढ़ जाए, बीज ऐसा बो कि जिसकी बेल बन बढ़ जाए' (भवानीप्रसाद मिश्र)

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