शब्द
शब्द आओ मेरे पास,जो बुलायें, जाओ उनके पास भी
Wednesday, 12 November 2014
खुशियां / जयप्रकाश त्रिपाठी
मां की आंखों रोयी गुड़िया
हिचक-हिचक कर,
रोते-रोते ....
और एक दिन सुबह उठी,
मां-सी अपने नन्हे ईश्वर की आंखों में
खुशियां बरसाती ।
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