पॉल रोबसन
प्रत्येक कलाकार, प्रत्येक वैज्ञानिक, प्रत्येक लेखक को अब यह तय करना होगा कि वह कहां खड़ा है। संघर्ष से ऊपर, ओलम्पियन ऊंचाइयों पर खड़ा होने की कोई जगह नहीं होती। कोई तटस्थ प्रेक्षक नहीं होता, युद्ध का मोर्चा हर जगह है। सुरक्षित आश्रय के रूप में कोई पृष्ठ भाग नहीं है। कलाकार को पक्ष चुनना ही होगा। स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष, या फिर गुलामी—उसे किसी एक को चुनना ही होगा। मैंने अपना चुनाव कर लिया है। मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है। (लखनऊ के राष्ट्रीय पुस्तक मेले में 'मीडिया हूं मैं' भी उपलब्ध)
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