Thursday, 14 November 2013

बाल दिवस पर नहीं रहे बाल साहित्यकार देवसरे


जाने माने बाल-साहित्यकार हरिकृष्ण देवसरे का गुरूवार को बाल दिवस के दिन ही लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 75 साल के थे। मध्य प्रदेश के नागोद में नौ मार्च 1938 को पैदा हुए देवसरे हिंदी साहित्य के अग्रणी लेखकों में थे। बच्चों के लिए रचा गया उनका साहित्य विशेष रूप से पसंद किया गया। बाल साहित्य में योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2011 में साहित्य अकादमी बाल साहित्य लाइफटाइम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तीन सौ से ज्यादा पुस्तकें लिख चुके देवसरे को बाल साहित्यकार सम्मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के बाल साहित्य सम्मान, कीर्ति सम्मान (2001) और हिंदी अकादमी के साहित्यकार सम्मान (2004) सहित कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया।  बताया जाता है कि देवसरे भारतीय बाल साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने वाले पहले व्यक्ति थे। लोकप्रिय पत्रिका ‘पराग’ के करीब 10 साल तक संपादक रहे देवसरे को पहला वात्सल्य पुरस्कार भी दिया गया था। उन्होंने भारतीय भाषाओं में रचित बाल-साहित्य में रचनात्मकता पर बल दिया और बच्चों के लिए मौजूद विज्ञान-कथाओं और एकांकी के ख़ालीपन को भरने की कोशिश की। वर्ष 2007 में उन्होंने न्यूयॉर्क में विश्व हिंदी सम्मेलन में भी भाग लिया था।

No comments:

Post a Comment