Sunday, 23 June 2013

कानून की किताबें उर्दू में 'ताजिरात-ए-हिंद'


भारत में पहली बार अपराध-रोधी कानून की प्रमुख किताबें अब उर्दू में भी उपलब्ध होंगी, साथ ही एक कानूनी शब्दकोश भी उर्दू में तैयार किया गया है। प्रमुख अनुवादक मुहम्मद इरशाद हनीफ का कहना है कि भारतीय दंड संहिता, 1860 का 'ताजिरात-ए-हिंद' शीर्षक से तथा भारतीय साक्ष्य विधान, 1872 का 'कानून शहादत-ए-हिंद' शीर्षक से उर्दू में फारसी व देवनागरी, दोनों लिपियों में सटीक अनुवाद किया गया है। दिल्ली स्थित एक प्रकाशन कंपनी दोनों कानूनी किताबों का अनूदित संस्करण लेकर आई है। प्रकाशन ने 52,000 कानून की पारिभाषिक शब्दावली वाला व्यापक शब्दकोश भी तैयार किया है जिसे प्रकाशन कंपनी देश का अपनी तरह का पहला शब्दकोश कहकर प्रचारित कर रही है। हनीफ का कहना है कि "शब्दकोश की भूमिका भारत के प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने लिखी है। शब्दकोश के केंद्र में हालांकि भारतीय कानून प्रणाली ही है, बावजूद इसके यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बेहद उपयोगी है।" 

No comments:

Post a Comment