'ईश्वर भी परेशान है' जाने-माने रचनाकार विष्णु नागर के व्यंग्य लेखों का संकलन है। विष्णु नागर व्यंग्य को महज मन में गुदगुदी पैदा करने का माध्यम भर नहीं रहने देना चाहते हैं। उनकी मंशा पाठकों के भीतर उन मुद्दों को लेकर कुछ बेचैनी छोड़ जाना भी है। इसके अलावा कुछ और किताबें ज्योति कुमारी की दस्तखत और अन्य कहानियां, अलेक्शेन्दा वीनस बख्शी की आरंभ की ग्यारह कहानियां, तरुण इंजीनियर की दौलत की तिजोरी गुप्तिसागर की थ्योरी आदि भी चर्चाओं में हैं। इटैलियन उपन्यास, 'पिनोकियो' एक जमाने में बेहद मशहूर हुआ था। वरिष्ठ लेखक-अनुवादक दोणवीर कोहली के अनुवाद में अब इसका सरस हिंदी अनुवाद आया है। प्राचीन लोकथाओं की शैली में लिखे गए इस उपन्यास को एक अंतहीन गप्प भी कहा जा सकता है। कुछ उस किस्म का गप्प, जो बड़े बच्चों को बहलाने के लिए करते हैं, लेकिन जिनसे एक के बाद एक कई कथा-सूत्र निकलते जाते हैं। इस लिहाज से इस उपन्यास बच्चे और बड़े एक साथ चाव से पढ़ सकते हैं।
Sunday, 23 June 2013
'ईश्वर भी परेशान है'
'ईश्वर भी परेशान है' जाने-माने रचनाकार विष्णु नागर के व्यंग्य लेखों का संकलन है। विष्णु नागर व्यंग्य को महज मन में गुदगुदी पैदा करने का माध्यम भर नहीं रहने देना चाहते हैं। उनकी मंशा पाठकों के भीतर उन मुद्दों को लेकर कुछ बेचैनी छोड़ जाना भी है। इसके अलावा कुछ और किताबें ज्योति कुमारी की दस्तखत और अन्य कहानियां, अलेक्शेन्दा वीनस बख्शी की आरंभ की ग्यारह कहानियां, तरुण इंजीनियर की दौलत की तिजोरी गुप्तिसागर की थ्योरी आदि भी चर्चाओं में हैं। इटैलियन उपन्यास, 'पिनोकियो' एक जमाने में बेहद मशहूर हुआ था। वरिष्ठ लेखक-अनुवादक दोणवीर कोहली के अनुवाद में अब इसका सरस हिंदी अनुवाद आया है। प्राचीन लोकथाओं की शैली में लिखे गए इस उपन्यास को एक अंतहीन गप्प भी कहा जा सकता है। कुछ उस किस्म का गप्प, जो बड़े बच्चों को बहलाने के लिए करते हैं, लेकिन जिनसे एक के बाद एक कई कथा-सूत्र निकलते जाते हैं। इस लिहाज से इस उपन्यास बच्चे और बड़े एक साथ चाव से पढ़ सकते हैं।
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