कारपोरेट मीडिया के अपने कर्मचारियों के साथ मनमाना बर्ताव और सोशल मीडिया पर उनकी गूंज के मामले भी क्या नवगठित 'सोशल जस्टिस बेंच’ के सामने प्रस्तुत नहीं हो सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं-बच्चों के कुपोषण और सुरक्षा, मिड डे मील, शुद्ध पेयजल, देह व्यापार आदि के सामाजिक न्याय के तहत आने वाले सारे मामलों की सुनवाई के लिए ‘सोशल जस्टिस बेंच’ का गठन किया है। बेंच हर शुक्रवार को दिन में दो बजे से 12 दिसंबर से ऐसी लंबित याचिकाओं का भी तेज़ी से निपटारा करेगी।
सार्थक स्वागतयोग्य पहल ..
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