शब्द
शब्द आओ मेरे पास,जो बुलायें, जाओ उनके पास भी
Saturday, 20 December 2014
सड़क छाप सुबह / जयप्रकाश त्रिपाठी
रविवार तड़के पांच की सुबह,
कोहरे के संग नंगनाच की सुबह,
उधर अलाव, ऊनी रजाई, सूरज,
कैसे
सुलगे
सड़क छाप की सुबह !
1 comment:
प्रेम सरोवर
21 December 2014 at 06:50
मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। शुभ रात्रि।
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मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। शुभ रात्रि।
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