Monday, 24 November 2014

वीरा

मेरी बच्ची मैं तेरे पाँवों के लिए ख़ूबसूरत सैण्डल लाई आज
देख मेरी बेटी मैं तेरे पाँवों में हवा, फूल और चिड़ियों के
पंखों की उड़ान नहीं पहना सकती
मैं तेरे पाँवों में आसमान छूने की ताकत भी नहीं भर सकती
मेरी बेटी तू देख मेरी मज़बूरी कि मैं तेरे पाँवों में
अपने आप को सुरक्षित रखने की चालाक
तमीज़ पहना रही हूँ 

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