ब्रिटेन के मशहूर भौतिक विज्ञानी प्रोफ़ेसर स्टीफन हॉकिंग ने फ़ेसबुक पर अपनी पहली पोस्ट में अपने प्रशंसकों को 'जिज्ञासु' बनने की नसीहत दी है.
वैसे तो हॉकिंग सात अक्टूबर को ही फ़ेसबुक पर आ गए थे लेकिन उन्होंने अब जाकर इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपनी पहली पोस्ट जारी की है.
इसमें प्रोफ़ेसर हॉकिंग ने कहा, "मैं हमेशा से ही सृष्टि की रचना पर हैरान रहा हूं. समय और अंतरिक्ष हमेशा के लिए रहस्य बने रह सकते हैं, लेकिन इससे मेरी कोशिशें नहीं रुकी हैं.
उन्होंने कहा, "एक-दूसरे से हमारे संबंध अनंत रूप से बढे हैं. अब मेरे पास मौका है और मैं इस यात्रा को आपके साथ बांटने के लिए उत्सुक हूं. जिज्ञासु बनें. मैं जानता हूं कि मैं हमेशा जिज्ञासु बना रहूंगा."
यूनिवर्सिटी ऑफ़ केम्ब्रिज में गणित और सैद्धांतिक भौतिकी के प्रोफ़ेसर रहे हॉकिंग की गिनती अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद दुनिया के सबसे अग्रणी भौतकशास्त्रियों में होती है. स्टीफन हॉकिंग व्हीलचेयर पर लगे कंप्यूटर और वॉयस सिंथेसाइजर की मदद से अपनी बात रखते हैं. ब्रह्माण्ड और भौतिकी के कई रहस्य सुलझाने वाले हॉकिंग 1988 में अपनी पुस्तक 'द ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम' से पूरी दुनिया में चर्चा में आए. ब्लैक होल और बिग बैंग जैसी खगोलीय घटनाओं पर उनके शोध और विचारों ने कई खोजों में अहम भूमिका निभाई.
मोटर न्यूरॉन बीमारी से ग्रसित हॉकिंग ने यह सभी काम एक व्हील चेयर, कंप्यूटर और वॉयस जेनरेटर के ज़रिए किए.
(बीबीसी से साभार)
वैसे तो हॉकिंग सात अक्टूबर को ही फ़ेसबुक पर आ गए थे लेकिन उन्होंने अब जाकर इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपनी पहली पोस्ट जारी की है.
इसमें प्रोफ़ेसर हॉकिंग ने कहा, "मैं हमेशा से ही सृष्टि की रचना पर हैरान रहा हूं. समय और अंतरिक्ष हमेशा के लिए रहस्य बने रह सकते हैं, लेकिन इससे मेरी कोशिशें नहीं रुकी हैं.
उन्होंने कहा, "एक-दूसरे से हमारे संबंध अनंत रूप से बढे हैं. अब मेरे पास मौका है और मैं इस यात्रा को आपके साथ बांटने के लिए उत्सुक हूं. जिज्ञासु बनें. मैं जानता हूं कि मैं हमेशा जिज्ञासु बना रहूंगा."
यूनिवर्सिटी ऑफ़ केम्ब्रिज में गणित और सैद्धांतिक भौतिकी के प्रोफ़ेसर रहे हॉकिंग की गिनती अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद दुनिया के सबसे अग्रणी भौतकशास्त्रियों में होती है. स्टीफन हॉकिंग व्हीलचेयर पर लगे कंप्यूटर और वॉयस सिंथेसाइजर की मदद से अपनी बात रखते हैं. ब्रह्माण्ड और भौतिकी के कई रहस्य सुलझाने वाले हॉकिंग 1988 में अपनी पुस्तक 'द ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम' से पूरी दुनिया में चर्चा में आए. ब्लैक होल और बिग बैंग जैसी खगोलीय घटनाओं पर उनके शोध और विचारों ने कई खोजों में अहम भूमिका निभाई.
मोटर न्यूरॉन बीमारी से ग्रसित हॉकिंग ने यह सभी काम एक व्हील चेयर, कंप्यूटर और वॉयस जेनरेटर के ज़रिए किए.
(बीबीसी से साभार)
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