हर तरफ धुआँ है, हर तरफ कुहासा है
जो दांतों और दलदलों का दलाल है
वही देशभक्त है।
अंधकार में सुरक्षित होने का नाम है-तटस्थता।
यहां कायरता के चेहरे पर सबसे ज्यादा रक्त है।
जिसके पास थाली है
हर भूखा आदमी उसके लिए सबसे भद्दी गाली है।
हर तरफ कुआँ है हर तरफ खाईं है
यहां, सिर्फ, वह आदमी, देश के करीब है
जो या तो मूर्ख है या फिर गरीब है
जो दांतों और दलदलों का दलाल है
वही देशभक्त है।
अंधकार में सुरक्षित होने का नाम है-तटस्थता।
यहां कायरता के चेहरे पर सबसे ज्यादा रक्त है।
जिसके पास थाली है
हर भूखा आदमी उसके लिए सबसे भद्दी गाली है।
हर तरफ कुआँ है हर तरफ खाईं है
यहां, सिर्फ, वह आदमी, देश के करीब है
जो या तो मूर्ख है या फिर गरीब है
No comments:
Post a Comment