Friday, 6 December 2013

उस किताब से बहुत प्यार था मंडेला को

नेल्सन मंडेला जिस कविता को बहुत संभालकर रखते थे और बारबार पढ़ते थे, चुनौती और मुश्किल के हर पल में, उसका नाम इन्विक्टस है. लैटिन शब्द इन्विक्टस का अर्थ अपराजेय है. इन्विक्टस विक्टोरियन युग की 1875 में प्रकाशित कविता है. इसे ब्रिटिश कवि विलियम अर्नेस्ट हेनली ने लिखी थी. इन्विक्टस इस फ़िल्म का नाम भी है, जो मंडेला पर बनी थी. इसमें वे राष्ट्रपति बनने के बाद अपने देश की रग्बी टीम को जीतने के लिए प्रेरित करते हैं. इस फ़िल्म के ज्यादातर सदस्य श्वेत हैं. उसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है. नरक के अंधेरे की तरह घुप काले में, जिस रात ने मुझे लपेट कर रखा है, शुक्रगुज़ार हूं उस जो भी ईश्वर का, अपनी अपराजेय आत्मा के लिए, परिस्थियों के शिकंजे में फंसे होने के, बाद भी मेरे चेहरे पर न शिकन है, और न कोई ज़ोर से कराह, वक़्त के अंधाधुंध प्रहारों से, मेरा सर खून से सना तो है, पर झुका नहीं, क्रूरता और आंसुओं की इस जगह के पार, मौत के गहराते सायों के बाद भी, और साल-दर-साल की यंत्रणाएं, पाती हैं, और पाएंगी मुझे निर्भीक, इससे फ़र्क नहीं कि दरवाज़ा कितना संकरा है, और मेरे खिलाफ़ सज़ाओं की फ़ेहरिस्त कितनी लम्बी, मैं हूं अपनी नियति का मालिक, मैं हूं, अपनी आत्मा का महानायक। (रचनाकारः विलियम अर्नेस्ट हेनली, 1849–1903) 

No comments:

Post a Comment