Tuesday, 16 July 2013

बच्चों का अद्भुत विश्व साहित्य



एलिस इन वंडरलैंड : लेविस कैरोल - बच्चों की सबसे अद्भुत और अजब-गजब कृतियों में से है - 'एलिस इन वंडरलैंड'। एक जादूनगरी की कहानी, जो सचमुच बच्चों पर जादू-सा कर देती है। जादुई दुनिया में पहुंची एलिस को एक-से एक बड़े अजूबे देखने को मिलते हैं।

बहादुर टॉम : मार्क ट्वेन - यह अत्यंत लोकप्रिय उपन्यास है, जिसे बच्चे बहुत उत्सुकता से पढ़ते हैं। कारण शायद यह है कि इस उपन्यास का नायक टॉम एक ऐसा नटखट और शरारती बच्चा है, जिसमें बच्चों को बहुत बार अपना अक्स नजर आता है। बच्चे और किशोर पाठक टॉम की अजीबोगरीब शरारतों का आनंद लेने के लिए इसे बार-बार पढ़ना चाहते हैं।

काला घोड़ा : अन्ना सेवेल - एक घोड़े पर लिखा यह बड़ा ही खूबसूरत और मर्मस्पशीर् उपन्यास, जिसमें उस घोड़े के दिल का दर्द और उसके अंतहीन दुखों और संघर्षों की कहानी छिपी है। ब्लैक ब्यूटी एक काला घोड़ा है, जो मां की ममता और लाड़-दुलार के साथ बड़ा हुआ, लेकिन फिर उसके इम्तिहानों की घडि़यां शुरू हो गईं।

कठपुतला : कार्लो कॉलोदी - कार्लो कॉलोदी का 'कठपुतला' यानी पिनोकियो इतना चुस्त-चपल और शरारती है कि उसकी जिंदगी में हर पल एक-से-एक नई घटनाएं घटती हैं। लिहाजा बच्चे इस उपन्यास को पढ़ते हुए, मानो जादू से बंधे हुए एक निराली ही यात्रा पर निकल पड़ते हैं। लेकिन यह पिनोकियो है क्या? लकड़ी का एक मामूली-सा टुकड़ा ही न, पर यह बढ़ते-बढ़ते तमाम करिश्मे करता जाता है।

रॉबिन्सन क्रूसो : डेनियल डेफो - यह एक ऐसे साहसी नायक रॉबिन्सन क्रूसो की कथा है, जिसे बचपन से ही समुदी यात्राएं करने का शौक था। फिर उसे एक मौका मिलता है और वह एक लंबी समुदी यात्रा पर निकल जाता है। मगर इस यात्रा में कभी वह डाकुओं के कब्जे में आ जाता है, तो कभी समुदी तूफान के कारण खुद उसकी जिंदगी के लाले पड़ जाते हैं। इसे पढ़ते हुए मन में कुछ नया कर गुजरने का जज्बा पैदा होता है।

80 दिन में दुनिया की सैर : जुले वर्न - यह ऐसा रोमांचक उपन्यास है, जिसे पढ़ने का मतलब एक निराले अंदाज में सारी दुनिया की सैर कर लेना है। इस उपन्यास की कहानी बड़ी दिलचस्प है। लंदन के एक अमीर आदमी मि. फाग 80 दिन में पूरी दुनिया की सैर करने का फैसला करते हैं। उनकी इस रोमांचक यात्रा में अजब-गजब घटनाएं होती हैं। यह उपन्यास उम्मीद, रोमांच और कभी खत्म न होने वाले साहस से भरपूर है।

मनमानी के मजे : सर्गेई मिखाइलोव - यह अपनी तरह का एकदम अनूठा उपन्यास है। इसमें उन शरारती बच्चों का किस्सा है, जिन्हें हर मनमानी करने का हक चाहिए। एक दिन उन्हें ऐसी दुनिया मिल जाती है, जहां कोई उन्हें टोकता नहीं है। लेकिन इस बेरोक-टोक जिंदगी में परेशानियों, झगड़ों और उदासियों का दौर शुरू हो जाता है।

कोहकाफ का बंदी : लेव टॉलस्टॉय : उपन्यास का नायक एक रूसी अफसर झीलिन है। रूसियों और तातारों के बीच लड़ाई में झीलिन को तातारों ने पकड़ लिया। जिस तातार ने उसे कैद किया था, उसी की छोटी बच्ची दीना झीलिन की सरलता, प्यार और अपनेपन से प्रभावित होकर उसे कैद से आजाद कर देती है। उपन्यास में लेव टॉलस्टॉय की उस्तादाना कलम का जादुई स्पर्श जगह-जगह महसूस होता है।

पहला अध्यापक : चिंगिज ऐटमाटोव- दूइशेन की कहानी है, जो कुछ ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है, पर उसके मन में अपने गांव के अनपढ़ लोगों को शिक्षा देकर उन्हें जीवन में आगे बढ़ाने और नई रोशनी की ओर ले जाने की गहरी तड़प है। 'पहला अध्यापक' का दूइशेन रोशनी का ऐसा ही फरिश्ता है, जो इस दुनिया को और सुंदर बनाने के लिए शायद धरती पर आया था।

स्वामी और उसके दोस्त : आर. के. नारायण - ' स्वामी और उसके दोस्त' बच्चों के लिए लिखा गया कालजयी उपन्यास है, जो एक नटखट शरारती बच्चे स्वामी और उसके दोस्तों को लेकर लिखा गया है। उपन्यास का आखिरी हिस्सा बड़ा मामिर्क है। स्वामी को क्रिकेट मैच की तैयारी करनी है लेकिन हेडमास्टर साहब के डर से वह भाग निकलता है।

बिल्ली हाउसबोट पर : अनिता देसाई : यह असल में एक बहुत ही चंचल और नटखट किस्म की बिल्ली की कथा है, जिसका बहुत अजीब-सा नाम बच्चों ने रखा है : पपाया यानी पपीता। नरेन और नीरा को जब यह पपाया बिल्ली मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। गमीर् की छुट्टियों में कश्मीर में हाउसबोट पर पपाया ने क्या कुछ कारनामे किए, इसका ब्यौरा अनीता देसाई ने बहुत नटखटपन से भरी चंचल भाषा में दिया है।

द जंगल बुक : रुडयार्ड किपलिंग : ' द जंगल बुक' जंगल और वहां के जानवरों को लेकर बड़ी तन्मयता के साथ लिखा गया ऐसा जानदार उपन्यास है, जिसकी गूंजें-अनुगूंजें आज हर ओर सुनाई देती हैं। सिवनी के जंगल में शेर खान, बलू जैसे चरित्रों के बीच मोगली के रोमांचक कारनामे हर बच्चे को आकषिर्त करते हैं और जंगल के जीवन को एक नई उत्सुकता के साथ जानने के लिए प्रेरित करते हैं।

द एडवेंचर ऑफ रस्टी : रस्किन बॉन्ड : ' रस्टी के कारनामे' उपन्यास के शुरू में दादी और केन काका के व्यक्तित्वों का ऐसा अद्भुत ब्यौरा है कि लगता है बस, उन्हें पढ़ते ही जाएं। उपन्यास के दूसरे भाग 'स्कूल से भागना' में रस्टी के अपने दोस्तों के साथ स्कूल से भागकर नई-नई जगहों पर जा पहुंचने की कथा है, जहां उन्हें एक से बढ़कर एक खतरे झेलने पड़े।

सरला, बिल्लू और जाला : ई.बी. वाइट : ई. बी. वाइट का 'सरला, बिल्लू और जाला' (2006) भी निराला फंतासी उपन्यास है। इसमें सरला एक चतुर और सयानी मकड़ी है और बिल्लू भोला-भाला सूअर का बच्चा। बिल्लू जब विपदा में पड़ा तो उसे मकड़ी अपनी चतुराइयों से न सिर्फ बचा लेती है, बल्कि उसे एक ऐसा हीरो और वीर नायक बनाकर पेश करती है कि चारों ओर बिल्लू की जय-जयकार होने लगती है।

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