फेसबुक का हालिया परीक्षण यदि सफल रहा तो जल्द ही सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रोन विमानों की मदद से दूर-दराज के इलाकों में भी इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सकेगा. समाचार पत्र 'द गार्डियन' के अनुसार, फेसबुक के कोफाउंडर मार्क जकरबर्ग ने बताया कि उन्होंने इंग्लैंड में इस तरह के ड्रोन विमानों का सफल परीक्षण किया, जिसके पंखों की लंबाई किसी कमर्शियल प्लेन जितनी ही है.
गांवों और ऐसे इलाकों में जहां इंटरनेट नहीं है इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने के लिए तैयार ये ड्रोन धरती पर लेजर बीम के जरिए इंटरनेट तरंगें भेजेंगी. जकरबर्ग ने एक ब्लॉग पोस्ट की है जिसके अनुसार, 'पूरी दुनिया को इंटरनेट से जोड़ने के हमारे अभियान के तहत हमने मानवरहित ड्रोन विमानों का निर्माण किया है, जो आकाश से ही धरती पर इंटरनेट किरणें प्रेषित करेंगे.'
जकरबर्ग ने लिखा, 'हमने ब्रिटेन में अपने इस ड्रोन विमान का पहला सफल परीक्षण किया. ये ड्रोन विमान पूरी दुनिया में इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने में मददगार होंगे, क्योंकि ये विमान इंटरनेट से वंचित विश्व के उन 10 फीसदी लोगों को इंटरनेट सुविधा प्रदान करने की क्षमता रखते हैं.' इस तरह के ड्रोन विमान के पंख की लंबाई 29 मीटर से भी अधिक है, जो बोइंग 737 विमान से भी अधिक है, हालांकि इनका वजन किसी कार से कम है. गौरतलब है कि शीर्ष इंटरनेट कंपनी गूगल भी गुब्बारों एवं ड्रोन विमानों की मदद से अब तक इंटरनेट की सीमा से दूर रहने वाले लोगों तक इंटरनेट पहुंचाने पर काम कर रही है.
गांवों और ऐसे इलाकों में जहां इंटरनेट नहीं है इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने के लिए तैयार ये ड्रोन धरती पर लेजर बीम के जरिए इंटरनेट तरंगें भेजेंगी. जकरबर्ग ने एक ब्लॉग पोस्ट की है जिसके अनुसार, 'पूरी दुनिया को इंटरनेट से जोड़ने के हमारे अभियान के तहत हमने मानवरहित ड्रोन विमानों का निर्माण किया है, जो आकाश से ही धरती पर इंटरनेट किरणें प्रेषित करेंगे.'
जकरबर्ग ने लिखा, 'हमने ब्रिटेन में अपने इस ड्रोन विमान का पहला सफल परीक्षण किया. ये ड्रोन विमान पूरी दुनिया में इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने में मददगार होंगे, क्योंकि ये विमान इंटरनेट से वंचित विश्व के उन 10 फीसदी लोगों को इंटरनेट सुविधा प्रदान करने की क्षमता रखते हैं.' इस तरह के ड्रोन विमान के पंख की लंबाई 29 मीटर से भी अधिक है, जो बोइंग 737 विमान से भी अधिक है, हालांकि इनका वजन किसी कार से कम है. गौरतलब है कि शीर्ष इंटरनेट कंपनी गूगल भी गुब्बारों एवं ड्रोन विमानों की मदद से अब तक इंटरनेट की सीमा से दूर रहने वाले लोगों तक इंटरनेट पहुंचाने पर काम कर रही है.
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