कोलटन का मानना था- सच्चे मित्र और अच्छी किताबों का साथ कभी नुकसान नहीं पहुंचाता। थोरो कहता था - पुराने कपड़े पहनो लेकिन किताबें नई खरीदो। ऐमी ब्रासन एलकार का कहना था - अच्छी पुस्तक वह है, जो आशा के साथ खोली जाए और लाभ के साथ बंद की जाए। टाल्स्टाय लिखते हैं- बुरी पुस्तकों का पढ़ना जहर पीने के समान है। फ्रांसिस बेकन की राय तो सबसे उम्दा और निराली - कुछ पुस्तकें रखने के लिए, कुछ परीक्षण के लिए, कुछ चबाने के लिए, कुछ खाने के लिए, कुछ निगलने के लिए तथा कुछ हजम करने के लिए होती हैं।
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